ब्यास किनारे अवैध डंपिंग कर NGT के आदेशों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां

Saturday, May 26, 2018 - 11:46 AM (IST)

कुल्लू : बजौरा से कुल्लू तक फोरलेन निर्माण में एन.के.सी. कंपनी द्वारा निकल रहे मलबे की अवैध रूप से ब्यास किनारे डंपिंग कर एन.जी.टी. के निर्देशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ब्यास नदी में मलबा फैंकने से जीव-जंतु व पेड़-पौधों को भी नुक्सान पहुंच रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन व वन विभाग ने एन.के.सी. कंपनी को 6 लाख का जुर्माना भी किया था, लेकिन जुर्माने के बावजूद कंपनी लगातार मिट्टी फैंक रही है। लोगों ने जिला प्रशासन से कंपनी प्रबंधन के खिलाफ  कड़ी कार्रवाई की मांग की है, ताकि अवैध डंपिंग रोकी जा सके।

चारागाह भूमि का मिटाया जा रहा नामोनिशान 
वार्ड पंच चमन लाल ने कहा कि फोरलेन निर्माण से निकल रहे मलबे को ब्यास नदी के किनारे जहां पर चरागाह भूमि थी, उस पर अवैध रूप से डंप कर चारागाह का नामोनिशान मिटा दिया गया है। इससे ग्रामीणों को मवेशियों को चारागाह भूमि न होने से समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

क्या कहते हैं 
अधिकारी एस.डी.एम. कुल्लू अमित गुलेरिया ने कहा कि जब से फोरलेन का निर्माण कार्य चला हुआ है, तब से एन.के.सी. कंपनी बजौरा से रामशिला तक अवैज्ञानिक तरीके से डंपिंग कर रही है, जिससे पर्यावरण को नुक्सान हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ  से 1 लाख रुपए व वन विभाग की तरफ  से 5 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है और कंपनी प्रबंधन को ब्यास नदी में मलबा न फैंकने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं, ताकि पर्यावरण को कोई किसी प्रकार का कोई नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन को एन.जी.टी. के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों को इस बारे में उचित दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
 

kirti