NGT की फटकार से हिले अधिकारी, अब नए सिरे से होगी होटलों की गिनती

Wednesday, Nov 29, 2017 - 02:43 PM (IST)

मनाली: नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की फटकार के बाद पर्यटन, शहरी नियोजन, पर्यावरण व नगर परिषद सहित अन्य विभागों में हड़कंप मचा हुआ है। एन.जी.टी. ने इन सभी महकमों से मनाली में चल रहे पंजीकृत और बिना पंजीकरण के होटलों की संख्या मांगी थी। सभी महकमों ने अंदाजे के अनुसार अपने-अपने हिसाब से संख्या से संबंधित रिपोर्ट एन.जी.टी. को भेजी। एन.जी.टी. का माथा तब ठनका जब किसी भी महकमे की होटलों की संख्या से संबंधित आंकड़े आपस में मेल नहीं खा रहे थे। इस पर एन.जी.टी. ने इन महकमों को हड़काया और मंगलवार को तलब किया। 


एन.जी.टी. के सख्त रुख से अफसरों के चेहरे पसीने से तर
इन सभी महकमों के अधिकारी मंगलवार को अपने अधिवक्ताओं संग एन.जी.टी. के समक्ष पेश हुए। एन.जी.टी. ने अधिकारियों से पूछा कि क्या झूठी रिपोटर्स तैयार करने के लिए आपको बैठाया गया है। एन.जी.टी. के सख्त रुख से अफसरों के चेहरे पसीने से तर हो गए। एन.जी.टी. ने दो-टूक कहा कि सही आंकड़े मुहैया करवाओ। इसने पर्यटन विभाग के निदेशक को खासतौर पर खुद पेश होने के आदेश दिए थे। दूसरी ओर इन महकमों के अफसरों द्वारा झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर एन.जी.टी. को गुमराह करने और एन.जी.टी. की आंखों में धूल झोंकने के प्रयास की चर्चा हो रही है। 


बंद हो सकते हैं बिना पंजीकरण चल रहे होटल 
कसौली में भी अवैध होटल निर्माण को लेकर एन.जी.टी. सख्त है। मनाली में बिना अनुमति के ही अनधिकृत तौर पर चल रहे होटलों को जल्द बंद करने के भी आदेश जारी हो सकते हैं। अब एन.जी.टी. के कड़े आदेशों के बाद ये महकमें सही आंकड़े जुटाने के लिए पसीना बहा रहे हैं। मंगलवार को ही महकमों ने यह काम शुरू कर दिया है। 


मनाली को लेकर एन.जी.टी. सख्त
नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल मनाली और रोहतांग को लेकर सख्त है। यदि एन.जी.टी. रोहतांग को लेकर समय रहते कड़े आदेश जारी नहीं करता तो अब तक रोहतांग की शक्ल बिगड़ चुकी होती। एन.जी.टी. ने रोहतांग के वाहनों की संख्या सीमित करने के साथ और भी कई कदम उठाए। इस वजह से रोहतांग में बर्फ की चादर के साफ और सुरक्षित रहने की उम्मीद जगी और पर्यावरण को भी नुक्सान होने की प्रक्रिया थम गई। 


प्रतिबंधित गतिविधियों के लिए अलग से ट्रैक चिन्हित करे सरकार 
कई पर्यटन गतिविधियों को एन.जी.टी. ने प्रतिबंधित किया था। अब सरकार को इन गतिविधियों के लिए अलग से ट्रैक चिन्हित करने को कहा गया है। ईको फ्रैंडली मार्कीट तैयार करने के साथ-साथ अन्य कई व्यवस्थाओं को लेकर एन.जी.टी. ने आदेश जारी कर रखे हैं और उन पर काम चल भी रहा है लेकिन धीमी गति होने से पर्यटकों व लोगों में भी रोष है।