रोजगार के नाम पर NGO ने किया धोखा, 15 हजार लोगों से ऐंठे करोड़ों

Saturday, Oct 14, 2017 - 11:47 PM (IST)

बिलासपुर: एक एन.जी.ओ. ने बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर उनसे पैसे ऐंठकर करोड़ों रुपए इकट्ठा कर लिए। इस एन.जी.ओ. से कथित ठगी का शिकार हुए लोगों ने शनिवार को अधिवक्ता प्रवेश चंदेल की अगुवाई में पत्रकार वार्ता कर आपबीती सुनाई। कांगड़ा जिला के पालमपुर निवासी विपन, बिलासपुर की रमा देवी, संजय कुमार, पूनम शर्मा, निशा, मिनिलिटी क्यून व ममता कुमारी आदि ने बताया कि वे इस एन.जी.ओ. में पिछले डेढ़ साल से कार्य कर रहे हैं लेकिन इस एन.जी.ओ. ने सैलरी के नाम पर उन्हें एक पाई तक नहीं दी। दिल्ली की इस एन.जी.ओ. ने एक सुनियोजित तरीके से लोगों को ठगा है। इस एन.जी.ओ. ने लोगों को बताया कि वह शिक्षा क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने का काम करती है और आप लोगों को सरकारी विद्यालयों में जाकर अध्यापकों को निजी स्कूलों की तरह बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित करना है। इसके लिए उन्हें एन.जी.ओ. एक माह की ट्रेनिंग करवाएगी।

सबसे पहले 108 लोगों को दिए नियुक्ति पत्र 
लोगों को सबसे पहले स्टेट प्रोजैक्ट आफिसर बनाया तथा उसके बाद 3 जोनल प्रोजैक्ट आफिसर, 12 जिला प्रोजैक्ट आफिसर और उसके बाद 78 ब्लाक प्रोजैक्ट आफिसर बनाए। इसके लिए संबंधित लोगों से 20 हजार रुपए से लेकर 34 हजार 500 रुपए तक लिए। इस एन.जी.ओ. ने सबसे पहले 108 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए। इसके बाद प्रदेश में जगह-जगह खोले कार्यालयों के लिए स्टाफ की नियुक्ति करने के लिए फार्म के नाम पर पहले प्रत्येक अभ्यर्थी से 500 रुपए लिए तथा बाद में नौकरी देने के नाम पर 2 हजार रुपए का ड्राफ्ट भी लिया। प्रदेश में इस एन.जी.ओ. ने करीब 15 हजार लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया। एन.जी.ओ. ने इन लोगों को मोटी सैलरी देने का लालच दिया। जिस कारण पालमपुर में एक विद्यालय में कांट्रैक्ट पर प्रवक्ता लगे विपन ने नौकरी छोड़ दी। अब इन लोगों के पास कार्यालयों का किराया देने तक के पैसे भी नहीं हैं। विपन ने बताया कि संबंधित एन.जी.ओ. ने प्रदेश से करोड़ों रुपए एकत्रित किए हैं। 

एन.जी.ओ. की तरफ से आए चैक हुए बाऊंस 
उन्होंने बताया कि जब एन.जी.ओ. से संपर्क साधा गया तो ऊना में स्थित स्टेट प्रोजैक्ट आफिसर कार्यालय में 26 जुलाई, 2017 को 6 लाख 50 हजार रुपए का एक चैक आया जोकि बाऊंस हो गया। इसके बाद 22 सितम्बर को साढ़े 35 लाख रुपए का एक और चैक आया और वह भी बाऊंस हो गया। एन.जी.ओ. ने इसके बाद गत 7 अक्तूबर को एक और चैक 71 लाख रुपए  का भेजा और वह भी बाऊंस हो गया। लोगों को कथित तौर पर ठगने के लिए एन.जी.ओ. ने उनकी 2 लाख रुपए की इंश्योरैंस करने तथा हर साल बोनस देने का भी नियुक्ति पत्र में बाकायदा जिक्र किया है। इस कारण पढ़े-लिखे लोग बेरोजगारी के कारण इनके चक्कर में आ गए। 

एन.जी.ओ. पर धार 420 के तहत दर्ज हो मामला
अधिवक्ता प्रवेश चंदेल ने बताया कि संबंधित एन.जी.ओ. के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए एस.पी. बिलासपुर, विजीलैंस और प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखित शिकायत भेजी गई है। उन्होंने बताया कि इस एन.जी.ओ. के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और प्राइज चिटफंड मनी सर्कुलेशन बैनिंग एक्ट 1978 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है।