भगवान के लिए मत फेंको नन्हीं जान को, हमें दे दो

Sunday, Dec 18, 2016 - 04:39 PM (IST)

मंडी: अकसर हमारे आसपास कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जो मन को अंदर तक हिला देती है। कभी किसी नवजात को जब एक मां झाड़ियों या फिर किसी कूड़ेदान में फैंक जाती है तो मानवता शर्मसार होती है। कई नवजात जीवित होते हैं और कुछ की मौत हो जाती है। ऐसे में हिमाचल के जिला मंडी की बाल संरक्षण इकाई ने एक अनूठी पहल शुरू की है। ये अनूठी पहल बाल संरक्षण इकाई ने क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में ब्लड बैंक के सामने जहां पर शोर कम रहता है और लोगों का आना-जाना भी कम होता है वहां पर एक शिशु स्वागत केंद्र की स्थापना की है। 


बाल संरक्षण इकाई ने शुरू की अनूठी पहल
बताया जा रहा है कि यहां पर एक पालना रखा गया है, ताकि अगर कोई मां या उसके परिजन अपने बच्चे को छोड़ना चाहे तो उसे पालने में रख कर जा सकते हैं। इससे कम से कम बच्चे की जान तो बच जाएगी और बाल संरक्षण इकाई इसकी देखभाल कर सकती है। यह जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी मंडी दुनी चंद ठाकुर ने जिला के जोगिंद्रनगर उपमंडल के चौंतड़ा में आयोजित बाल संरक्षण व देखभाल पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में दी। उन्होंने इस मौके पर समेकित बाल संरक्षण सेवाएं के गठन व कार्यप्रणाली पर चर्चा करते हुए बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई वर्ष 2014 से लगातार बच्चों के संरक्षण तथा पुनर्स्थापना के लिए कार्य कर रही है। 


बच्चों में बढ़ रही नशे की प्रवृति को रोकने पर विचार 
शिविर में स्कूली बच्चों में बढ़ रही नशे की प्रवृति को रोकने पर गंभीरता से विचार किया गया। इस मौके पर बाल कल्याण समिति मंडी के अध्यक्ष चंद्र सिंह ठाकुर ने पोस्को एक्ट 2012 तथा बाल कल्याण समिति के गठन तथा कार्यप्रणाली के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि बच्चों की देखभाल, संरक्षण तथा पुनर्स्थापन में समिति का अहम रोल है। उन्होंने बताया कि हिंदू अडोप्शन एंड मेंटीनेंस एक्ट 1956 के तहत दत्तक ग्रहण किया जा सकता है।