नए साल से पहले कसोल बंद, महेश्वर सिंह ने प्रशासन की कार्रवाई पर उठाए सवाल

Monday, Dec 11, 2017 - 11:53 AM (IST)

कुल्लू (मनमिंदर): कुल्लू की मणिकर्ण घाटी में बसा छोटा सा गांव कसोल आजकल सुना पड़ गया है। क्योंकि नए साल का जश्न शुरू होने से ऐन पहले ही कसोल के 44 होटलों पर ताला लटक गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे इन होटलों के लिए बिजली पानी का कनेक्शन काट दिया और बाद में उन्हें सील कर दिया। प्रशासन का कहना है कि ये होटल, रेस्ट हाउस और होम स्टे गैर कानूनी हैं, इन्होंने सरकार से इसकी इजाजत नहीं ली है। लेकिन होटल मालिकों का कहना है कि कानून खुद ही इस काम में सबसे बड़ी दिक्कत है। प्रशासन ने कसोल के 60 होटल्स की लिस्ट बनाई और उसमें से 44 होटल्स को बंद कर दिया गया। इससे कसोल में पर्यटन को भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। 


लोगों के पक्ष में उतरे कसोल के लोग
वहीं कुल्लू के विधायक महेश्वर सिंह भी कसोल के लोगों के पक्ष में उतर गए हैं। उन्होंने लोगों से मुलाकात कर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द 'साडा कानून' को हटाने की मांग की, ताकि यहां होटल्स चलाने वाले लोग आसानी से अपने होटल्स को रजिस्टर करवा सके। लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिना नोटिस दिए ही उनके होटल्स व होमस्टे की बिजली पानी काट दी गई है। इन आदेशों के बावजूद भी प्रशासन द्वारा सही तरीके से इस कार्य को पूरा नहीं किया गया है। जिससे उनको परेशानी झेलनी पड़ रही है। 


कसोल में 'साडा कानून' के कारण आ रही दिक्कत
नए साल पर आने वाली कई बुकिंग भी इन लोगों को कैंसल करनी पड़ रही है और अब उनके पास कमाने का कोई साधन भी नहीं रहा है। लोगों का कहना है कि कसोल में 'साडा कानून' के कारण ही उन्हें रजिस्ट्रेशन में दिक्कत आ रही है। NOC न होने का कारण ही वो लोग होटल्स को रजिस्टर करवाने में असमर्थ है। वहीं उनकी मांग है कि कसोल व मणिकर्ण में लगाए 'साडा' को हटाया जाए। क्योंकि कसोल जैसे छोटे गांव में इसके अंतर्गत अभी तक कोई विकास नहीं हो पाया है। न ही 'साडा' का कसोल को कोई फायदा मिल पाया है।