टांडा अस्पताल में नई-नई घटनाएं हो रही उजागर, प्रशासन की पकड़ कमजोर के कारण संस्था बदनाम

Thursday, Jul 26, 2018 - 12:21 PM (IST)

कांगड़ा : डा. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा में इन दिनों कुछ नई-नई घटनाओं के उजागर हो रही है। बताया जा रहा है कि इन घटनाओं पर प्रशासन की कोई पकड़ न होने से संस्था की बदनामी के साथ साथ काफी नुकसान हो रहा है। कुछ माह पूर्व एक पी.जी. कर रहे डाक्टर का अकस्मात अपनी पी.जी. की पढ़ाई करते प्रशासन को बिना बताए घर चला जाना, सांप से डंसने से कांगड़ा के निकटवर्ती गांव चंद्रोट की एक युवती की मौत पर उनके प्रियजनों द्वारा उसके ईलाज के कोताही बरतने का आरोप लगाना, जिसकी छानबीन के लिए स्वास्थय मंत्री विपिन परमार तथा सांसद शांता कुमार के आदेशों के उपरांत आई.जी.एम.सी. शिमला से डाक्टरों की एक टीम द्वारा जांच करना।

इसके साथ ही गत दिन पूर्व एक पी.जी. कर रहे डाक्टर की संदिग्ध हालत में मौत होना, टी.एम.सी. की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान लगा रही है। इस संस्थान में जहां एक ही डाक्टर पिछले लगभग 4 से 5 वर्षों से मुख्य वार्डन लगे हैं। वह अपनी कार्रवाई केवल पेपरों तक ही सीमित कर रहे हैं। इसमें हैरान कर देने वाली बात यह है कि क्या मैडीकल कालेज में नशा इतना बढ़ गया है कि मैडीकल कालेज के होस्टलों में ही बेधडक़ प्रयोग होने लगा है। कहां गई यहां की सुरक्षा तथा क्या चैक कर रहे हैं वार्डन तथा मुख्य वार्डन।

क्या कहते हैं कांगड़ा-चम्बा सांसद शांता कुमार
उन्होंने कहा कि यह सारी बातें मेरे ध्यान में हैं, जिसके लिए मैंने पहले भी हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से बात की थी और एक बार फिर अभी बात करेंगे। अस्पताल की हालत ठीक नहीं हैं यह तो मुझे भी मालूम है। उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य ही मीडिया के उत्तर देने के लिए बाध्य है उन्हें मीडिया से बात करनी चाहिए।

kirti