न फार्मासिस्ट और न ही चपड़ासी, सिर्फ हैल्थ वर्कर ही दे रहे मरीजों को दवाइयां

Saturday, May 26, 2018 - 01:24 PM (IST)

बड़सर : बड़सर उपमंडल में चिकित्सकों की कमी स्थानीय जनता पर भारी पड़ रही है। डाक्टरों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उपमंडल का पी.एच.सी. चकमोह कई सालों से एक चिकित्सक के सहारे चल रहा है। अस्पताल में कई सालों से फार्मासिस्ट, नर्स व चपड़ासी के पद सृजित नहीं हो पाए हैं। हालत यह है कि अस्पताल में हैल्थ वर्कर ही दवाइयां देने का काम कर रहा है। कई दफा डाक्टर के छुट्टी पर जाने अथवा अन्य जगहों पर ड्यूटी लग जाने से अस्पताल में बिना डाक्टर के ही पी.एच.सी. चलती है। 


अस्पताल में कर्मचारियों के पद सृजित नहीं हो पाए
हालांकि स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से इन पदों को सृजित करने की मांग कई बार की लेकिन लोगों की मांग पूरी नहीं हो पाई। गौर रहे कि वर्तमान पी.एच.सी. चकमोह का सम्पूर्ण भवन व कैम्पस दियोटसिद्ध मंदिर ट्रस्ट के अधीन था तथा मंदिर ट्रस्ट द्वारा यहां आयुर्वैदिक अस्पताल बनाने की योजना थी। इसके लिए बाकायदा भवन निर्माण भी करवा दिया गया था लेकिन मामला खटाई में पड़ गया। प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप के चलते मंदिर न्यास ने वर्ष, 2011 में इस भूमि व भवन को स्वास्थ्य विभाग के नाम कर दिया। 7 साल बीतने के उपरांत भी अस्पताल में कर्मचारियों के पद सृजित नहीं हो पाए हैं।


सरकार ने पदों को भरने की दिलचस्पी नहीं दिखाई
स्थानीय लोगों ने अस्पताल में फार्मासिस्ट, नर्स व चपड़ासी के पदों को सृजित कर उन्हें तैनात करने की मांग की है। वर्तमान समय में अस्पताल में एक चिकित्सक है लेकिन अस्पताल में मरीजों को दवाइयां हैल्थ वर्कर दे रहे हैं। हैरत की बात है कि दोनों ही सरकारों ने पदों को भरने की दिलचस्पी नहीं दिखाई। स्थानीय लोगों संजय कुमार, सुरेंद्र कुमार, अमन कुमार, सुशील कुमार, सोम दत्त, सुरेश शर्मा, केशव कुमार, पवन कुमार व राकेश कुमार सहित कई लोगों ने अस्पताल में फार्मासिस्ट, नर्स व चपड़ासी के पद सृजित कर तैनाती करने की मांग की है। 

kirti