हमीरपुर मैडीकल कॉलेज में लापरवाही, नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष ने लगाए आरोप

Tuesday, Jul 17, 2018 - 03:25 PM (IST)

हमीरपुर: जिला अस्पताल हमीरपुर को अब मैडीकल कॉलेज का दर्जा मिल गया है, लेकिन इसके बावजूद जिला अस्पताल में मरीजों और उनके तीमारदारों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही बरती जा रही है। जिससे हमीरपुर से भी मरीज टांडा और शिमला के लिए रैफर किए जा रहे हैं। नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि यूं तो हमीरपुर अस्पताल को मैडीकल कॉलेज का दर्जा मिला है, लेकिन जिस तरह का व्यवहार अस्पताल स्टाफ व डॉक्टरों का है, इससे मरीज दुखी होकर दूसरे निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। 


उन्होंने प्रदेश सरकार से जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने की अपील की है। वहीं मैडीकल कालेज हमीरपुर के मैडीकल आफिसर डा. अनिल वर्मा का कहना है कि मामले में उनके पास शिकायत आई है तथा विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उधर, सदर थाना के प्रभारी संजीव गौतम का कहना है कि जिला अस्पताल के एक फार्मासिस्ट की शिकायत उन्हें मिली है, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर जाकर फार्मासिस्ट का मैडीकल करवा लिया है तथा पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 


क्या था मामला
बता दें कि गत दिवस जिला अस्पताल में वाकया नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष के साथ पेश आया। बता दें कि शर्मा की बेटी को कुत्ते ने काट लिया था और जब वह बेटी को लेकर अस्पताल पहुंचे तो पर्ची काऊंटर में कोई भी सदस्य न होने के चलते वह सीधे ओ.पी.डी. में बैठे चिकित्सक के पास पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह डॉक्टर के पास पहुंचे तो उन्होंने पर्ची न होने की बात कहकर उपचार करने से इंकार कर दिया। इस दौरान धर्मेंद्र ने बड़ी मुश्किल से मैडीकल आफिसर से पर्ची बनवाई और बेटी को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे। वहीं डाक्टर ने उनकी बेटी को कुछ दवाइयां लिखीं और कर्मचारी से टीका लगाने को कहा, जब वह कर्मचारी के पास गए तो वह नशे में धुत्त पाया गया। इसके बाद धर्मेंद्र शर्मा ने उक्त घटना की शिकायत मैडीकल ऑफिसर तथा सदर पुलिस थाना में कर दी। 

Ekta