यहां चाहिए किराए का मकान तो देनी होगी मोटी रकम

Thursday, Mar 05, 2020 - 04:40 PM (IST)

नाहन (सतीश शर्मा) : घर यूं तो हर किसी का सपना होता है। घर में हर सुविधा की भी उम्मीद हर व्यक्ति करता है। किराए मकान भी हो तो भी सभी सुविधाओं की अपेक्षा की जाती है। पर क्या हो कि अधिक किराया देने के बाद भी सुविधा न मिले। ऐसा ही कुछ हो रहा है नाहन में दूरदराज क्षेत्रों से पढ़ने के लिए आए छात्रों के साथ। यहां मकानमालिक मर्जी से किराया वसूल कर रहे हैं और सुविधा के नाम पर छात्रों को कुछ भी प्रदान नहीं किया जा रहा है। 

नाहन शहर में मौजूदा समय में सैकड़ों की संख्या में बच्चे यहां जिला के विभिन्न दुर्गम क्षेत्रों से पढ़ाई करने पहुंचे है। हॉस्टल सुविधा ना होने के चलते छात्रों को यहां किराए के मकान में रहना पड़ता है मगर यहां उन पर मकान मालिकों की मनमानी खुलकर देखने को मिलती है। यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों का कहना है कि मकान मालिकों द्वारा मनमाने तरीके से किरायों में वृद्धि की जा रही है हैरानी तो इस बात की है कि इन मकानों का अत्यधिक का किराया होने के बावजूद भी यहां सुविधाएं नही रहती है। छात्रों ने एडीसी सिरमौर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि जिला प्रशासन इस मामले में दखल करे।

छात्रों के सामने इन दिनों एक और समस्या खड़ी हो गई है दरअसल छात्रों  से नगर परिषद द्वारा कूड़ा उठाने की एवज में 50 रुपए  शुल्क लिया जा रहा है। जिसे लेकर छात्रों का कहना है कि एक मकान में रहने वाले सभी किरायेदारों से 50-50 रुपए ना लेकर सिर्फ मकान मालिक को इस दायरे में रखा जाए क्योंकि इससे गरीब छात्रों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि मौजूदा समय में इनसे 50-50 रुपए शुल्क वसूला जा रहा है। जबकि वो कूड़ा भी खुद कूड़ेदान तक पहुंचाते है।

नाहन में सरकारी स्तर पर अगर हॉस्टल की बात की जाए तो यहां सिर्फ छात्राओं को ही हॉस्टल सुविधा मिल पाई है जबकि सैकड़ों की संख्या में छात्र हॉस्टल सुविधा से वंचित है ऐसे में उन्हें मजबूरन निजी मकान मालिकों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है।

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