हिमाचल में कुदरत का कहर! नूरपुर में पांच घर हुए क्षतिग्रस्त, छह पशुशालाएं भी मलबे में दबी, बेघर हुए लोग..
punjabkesari.in Wednesday, Sep 03, 2025 - 06:21 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर जारी है। लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कांगड़ा जिले के नूरपुर विधानसभा क्षेत्र की मिझग्रां पंचायत में भूस्खलन की एक बड़ी घटना सामने आई है, जहां पांच घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और छह पशुशालाएं भी मलबे में दब गई हैं।
तबाही की दास्तां
यह हादसा मिझग्रां पंचायत के वार्ड नंबर पांच में हुआ। मंगलवार शाम को यहां के निवासियों को पहाड़ी से मलबा खिसकने और जमीन धंसने का एहसास हुआ। खतरे को भांपते हुए पांच परिवारों ने तुरंत अपने घर खाली कर दिए। यह फैसला उनकी जान बचाने में मददगार साबित हुआ, क्योंकि कुछ ही देर बाद उनके घरों में दरारें पड़नी शुरू हो गईं। अगले दिन, बुधवार सुबह, पहाड़ी का मलबा घरों तक पहुंच गया और उन्हें भारी नुकसान हुआ।
प्रशासन और पंचायत की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही नूरपुर और जवाली विधानसभा क्षेत्रों की सीमा पर स्थित इस पंचायत में स्थानीय प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पंचायत प्रधान सुमन देवी और तहसीलदार राधिका सैनी ने मिलकर स्थिति का जायजा लिया। सबसे पहले, प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। ये परिवार अब अपने पड़ोसियों के घरों में शरण लिए हुए हैं।
राहत और पुनर्वास के प्रयास
तहसीलदार राधिका सैनी ने बताया कि भूस्खलन से प्रभावित यह पूरा इलाका खतरे की जद में है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को तुरंत तिरपाल और अन्य जरूरी राहत सामग्री प्रदान की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार और प्रशासन द्वारा हर संभव मदद की जाएगी। प्रभावित परिवारों में चैन सिंह, बर्फी राम, कांटो देवी, माया देवी और जीवन सिंह शामिल हैं।
पंचायत प्रधान सुमन देवी ने भी प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने की बात कही है। इस आपदा में घरों के अलावा लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, जिसका आकलन राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे लोगों की मुश्किलें और भी बढ़ रही हैं। सरकार और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रभावित लोगों को सुरक्षित आश्रय और राहत सामग्री उपलब्ध कराना है, ताकि इस मुश्किल घड़ी में उन्हें सहारा मिल सके।