ग्लेशियरों के शोध पर ‘इस’ हिमाचली युवा वैज्ञानिक को मिला नैशनल अवार्ड

Monday, May 22, 2017 - 01:23 AM (IST)

बिलासपुर: बर्फानी क्षेत्रों व बर्फ के ग्लेशियरों पर शोध करने वाले बिलासपुर जिला के बैरी-बरमाणा निवासी युवा वैज्ञानिक नीरज शर्मा को उनके उत्कृष्ट शोध पर नैशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान कोच्चि में डिफैंस रिसर्च एंड डिवैल्पमैंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में डी.आर.डी.ओ. के चेयरमैन एवं सचिव डिफैंस (आर.एंड डी.) डा. एस. क्रिस्टोफर ने प्रदान किया। इस अवार्ड को प्राप्त करने वाले नीरज हिमाचल के प्रथम युवा वैज्ञानिक बन गए हैं। उन्हें इस अवार्ड के साथ 1 लाख रुपए नकद व प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया है।

नैशनल टैक्नोलॉजी मैडल से किया जा चुका है सम्मानित
इससे पहले भी उन्हें वर्ष 2015 में डी.आर.डी.ओ. द्वारा नैशनल टैक्नोलॉजी मैडल से नवाजा जा चुका है। नीरज को यह नैशनल अवार्ड ग्लेशियरों के व्यवहार पर की गई उनकी रिसर्च पर प्रदान किया गया है। युवा वैज्ञानिक नीरज के 11 रिसर्च पेपर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं। वह एयरोनॉटिकल सोसायटी ऑफ  इंडिया, इंडियन मैट्रोलॉजिकल सोसायटी व सोसायटी क्रायोस्फेरिक साइंस सहित कई अन्य प्रोफैशनल सोसायटियों के आजीवन सदस्य भी हैं। 

सियाचिन ग्लेशियर के शोध पर मिला अवार्ड 
बता दें कि नीरज शर्मा बैरी बरमाणा के व्यवसायी दीपक शर्मा और मीरा शर्मा के इकलौते पुत्र हैं। उनकी धर्मपत्नी शिल्पा शर्मा चंडीगढ़ के एक बैंक में अधिकारी हैं। डी.ए.वी. बरमाणा से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने एन.आई.आई.टी. हमीरपुर से इंजीनियरिंग स्नातक की डिग्री ली व उनका चयन वर्ष 2003 में डिफैंस रिसर्च एंड डिवैल्पमैंट आर्गेनाइजेशन में हो गया। उनकी पहली पोस्टिंग डिफैंस इंस्टीच्यूट ऑफ अरमामैंट टैक्नोलॉजी पुणे में हुई। जनवरी, 2004 में उनको स्नो एंड एवलांच स्टडी एस्टव्लिस ब्रांच में भेजा गया। यहीं पर उन्होंने उत्तरी पश्चिमी हिमाचल का क्षेत्र और सियाचिन ग्लेशियर पर शोध कार्य किया जिस पर उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया गया।