मक्की के बीजों को संजोए रखने के लिए चंबा की भांदल पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार(Video)

Wednesday, Oct 30, 2019 - 03:44 PM (IST)

 चंबा (शक्ति प्रसाद) : चंबा जिला के डलहौजी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत भांदल के किसानों ने अपनी मेहनत और पुश्तैनी बीजों को सजोए रखने में अहम भूमिका निभाई है, जिसको लेकर उक्त पंचायत को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया और दस लाख रुपये की राशि दी गई। जानकारी के अनुसार पादप जीनोम सरंक्षण के तहत ये पुरस्कार उस समुदाए या समूह को दिया जाता है जिन्होंने किसी विशेष तरह की प्रजाति का सरंक्षण किया हो।

आपको बताते चले कि भांदल पंचायत के किसानों ने सदियों से पुश्तैनी सफेद मक्की ,रत्ती मक्की और चिड्कू मक्की को विरासत में संभाला है। यहां के किसान जैविक खेती करते रहे हैं। सबसे बड़ी मजे की बात तो ये है कि ये किसान लोग अपने खेतों में खाद का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं करते है। देसी किसम की ये प्रजाति सदियों से यहां के किसान संजोए हुए हैं। हिमाचल प्रदेश की एक मात्र भांदल पंचायत के किसानों को ये सम्मान मिला है,जिसके चलते पूरे क्षेत्र सहित जिला में ख़ुशी का माहौल है।

भांदल पंचायत प्रधान याकूब मागरा का कहना है भारत सरकार द्वारा उनकी पंचायत के खेतों में बीजे जाने वाले हाच्छी (सफेद) रेट्टी( लाल), चीटकुरी (पॉप कोर्न ) बीजों का विज्ञानिकों द्वारा पंजीकरण किया गया और पूरे देश में उनके बीजों की गुणवत्ता सर्वश्रेष्ठ पाने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व राज्य कृषि मंत्री कैलाश चौधरी द्वारा दिल्ली में एक समारोह में राष्ट्र प्लांट जीनोव सेवियर कम्यूनिटी अवार्ड दस लाख रुपए की राशि से पुरस्कृत किया जो की उनकी पंचायत सहित जिला चंबा के लिए गर्व कि बात है।

किसानों का कहना है कि हमारी पंचायत को ये अवार्ड मिला है जिसके चलते हमें काफी ख़ुशी हो रही हैं। हम लोग जैविक खेती करते है और खाद का इस्मेताल बिलकुल नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा इलाका काफी पिछड़ा हुआ है लेकिन हमें सफ़ेद मक्की रत्ती मक्की ,चिड्कू मक्की के लिए सम्मान मिला है। हमारे लिए यह बहुत खुशी की बात है। इस प्रतियोगिता में 14 राज्यों के लोगों ने भाग लिया था जिसमें हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला की भान्दल पंचायत भी शामिल थी।

Edited By

Simpy Khanna