मां-बेटी और भाई की मुलाकात बनी आखिरी मुलाकात

Monday, Jan 07, 2019 - 09:25 PM (IST)

नंगल जरियालां (दीपक): अपनी बेटी को लोहड़ी की बधाई देकर लौट रही मां और उसके भाई को क्या पता था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात और लोहड़ी होगी। गांव अम्बोटा के मां-बेटे के लिए सोमवार का सफर आखिरी सफर बन गया। सड़क पर खड़ा एक टिप्पर उनकी मौत की वजह बन गया। काश टिप्पर को इस कदर अंधेरे में सड़क पर न खड़ा किया होता तो एक घर में हमेशा के लिए अंधेरा न होता। हैल्मेट भी किसी काम नहीं आया क्योंकि अंधेरे में स्कूटी चालक 28 वर्षीय जसविन्द्र को इस टिप्पर का आभास भी नहीं हुआ। जब तक हुआ होगा तब तक काफी देर हो चुकी थी। न केवल खुद दुनिया से अलविदा हुआ बल्कि उसकी मां भी उसके साथ ही दम तोड़ गई। खून से लथपथ शव देखकर हर कोई पसीज गया। चीखो पुकार इतनी कि न केवल सड़क बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी इसकी दर्दनाक गंूज सुनाई दी।

पिता और बेटी का विलाप देखा नहीं जा रहा

गांव अम्बोटा के अंशकालीन जलवाहक के रूप में नियमित हुए अशोक कुमार की दुनिया ही मानों उजड़ गई। पत्नी के साथ बेटा भी हमेशा के लिए बिछड़ गया। बेटा अविवाहित था और उसकी शादी के अरमान भी अधूरे रह गए। ग्राम पंचायत अम्बोटा के उपप्रधान संजीव रोमी के मुताबिक अशोक कुमार की 2 बेटियां हैं जिनमें से एक की शादी हो चुकी है जबकि एक अभी अविवाहित है। दुखद खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंचे पिता और बेटी का विलाप देखा नहीं जा रहा था। दिलासा देने के लिए काफी संख्या में लोग तो पहुंचे लेकिन चीखो पुकार से हर किसी का दिल पसीज गया। सड़क हादसे ने 2 अमूल्य जीवन ही नहीं लिए बल्कि एक घर की खुशियां ही खत्म कर दीं। बहनों की मां और भाई बिछड़ गया। जिस बहन को मिलकर दोनों अभी वापस घर भी नहीं पहुंचे थे उस बहन के लिए यह कभी न मिटने वाला दर्द बन गया।

Kuldeep