नयना देवी के इस प्राचीन कुंड से जुड़ी है श्रद्धालुओं का गहरी आस्था, जल्द होगा जीर्णोद्धार

Monday, Dec 10, 2018 - 05:50 PM (IST)

बिलासपुर (मुकेश): विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नयना देवी में प्राचीन, पवित्र और ऐतिहासिक कपाली कुंड के जीर्णोद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस कार्य पर लगभग 19 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। हालांकि कुछ समय पहले इसका कार्य रुक गया था लेकिन फिर से इसके जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ है जिससे स्थानीय लोगों ने और श्रद्धालुओं ने सराहा है। हालांकि यह प्राचीन पवित्र कपाली कुंड काफी बरसों से प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रहा है। समय-समय पर इसके जीर्णोद्धार की बातें मीडिया में होती रही, तब जाकर काफी बरसों के बाद इसके जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ। 


कहा जाता है कि मां नयना ने जब महिषासुर का वध किया था तो उसके कपाल को ब्रह्मा को देकर इस कुंड में स्थापित करके इसकी स्थापना की थी और तब से इसका नाम कृपाली कुंड पड़ा। प्राचीन मान्यताओं के मुताबिक जितने भी श्रद्धालु पंजाब हिमाचल हरियाणा दिल्ली और अन्य प्रदेशों से माता जी के दर्शनों के लिए सावन के महीने में आते हैं, ज्यादातर श्रद्धालु इसी कुंड में स्नान करके ही मां के दर्शनों के लिए जाते हैं। कहते हैं कि इस कुंड में स्नान करने से जादू टोना रोग दुख कष्ट श्रद्धालुओं के दूर होते हैं यानि श्रद्धालुओं की गहरी आस्था इस प्राचीन कुंड से जुड़ी हुई है। इस कुंड के जीर्णोद्धार को लेकर जब हमने श्रद्धालुओं से बात की तो जालंधर से आए श्रद्धालु सतीश कुमार, आनंदपुर से आए श्रद्धालु कुलदीप शर्मा और पटियाला से आए श्रद्धालु सिंगला ने बताया कि यह प्राचीन कुंड मां चामुंडा देवी सरोवर की तर्ज पर इसका निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि श्रद्धालु यहां बैठकर कुछ पल सकून के गुजार सकें।

Ekta