वैलेंटाइन-डे : पति के साथ दफ न होने के लिए 38 साल मौत का इंतजार, ब्रिटिश दम्पति से जुड़ी है यह प्रेम कहानी

punjabkesari.in Monday, Feb 14, 2022 - 10:51 PM (IST)

नाहन (दलीप): वैलेंटाइन-डे पर आज हम आपको एक ऐसे अमर प्रेम की कहानी बताने जा रहे हैं जहां एक महिला ने अपने पति के साथ दफन होने के लिए करीब 38 साल मौत का इंतजार किया। ऐतिहासिक शहर नाहन के इतिहास के पन्नों में एक ऐसी अद्भुत व अमर प्रेम कहानी भी है जो आज अपने आपमें मिसाल है।  रियासतकाल में एक अंग्रेज अफसर की पत्नी ने अपने पति की बगल में दफन होने के लिए 38 साल मौत का लंबा इंतजार किया। यहां जिक्र लेडी लूसिया पियरसाल का हो रहा है। रियासतकाल में लूसिया अपने पति डा. इडविन पियरसाल के साथ यहां पहुंची थीं। डा. इडविन पियरसाल का निधन हो गया। महाराजा ने डा. पियरसाल को मिलिट्री ऑनर के साथ ऐतिहासिक विला राऊंड के उत्तरी हिस्से में दफ न किया और यह जगह पियरसाल ने खुद चुनी थी और कहा था उन्हें यहां दफ नाया जाए। उस वक्त लूसिया 49 साल की थीं। लूसिया ने इच्छा जताई कि उनको भी उनके पति की कब्र के साथ ही दफ न किया जाए।

पूर्व विधायक एवं सदस्य शाही परिवार कंवर अजय बहादुर ने बताया कि डा. पियरसाल ने महाराजा के यहां करीब 11 साल अपनी सेवाएं दीं और 19 नवम्बर 1883 में डा. इडविन का 50 साल की आयु में इंतकाल हो गया। कहते हैं कि पति की मौत के बाद लूसिया वापस इंगलैंड नहीं गई। अपने अन्य परिवार के सदस्यों को भी छोड़ दिया। 1885 में लूसिया ने भारी भरकम रकम खर्च करके अपने पति की कब्र को पक्का किया। 19 अक्तूबर 1921 को वह घड़ी आई जब लूसिया का इंतजार खत्म हुआ और अपने पति को याद करते हुए उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। लूसिया की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए महाराजा ने सम्मान सहित लूसिया को भी उसके पति डा. पियरसाल की कब्र की बगल में दफनाया। आज भी विला राऊंड स्थित कैथोलिक कब्रगाह में इस पियरसाल दंपति के अमर प्रेम की कहानी बयां करती वास्तुकला से परिपूर्ण कब्रें आने-जाने वालों को आकर्षित करती हैं।


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Content Writer

Kuldeep

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