CM. की दौड़ पर बोले नड्डा-मैं अपने बारे में नहीं सोचता

Sunday, Oct 29, 2017 - 01:09 AM (IST)

शिमला: पहाडों में ज्यों-ज्यों तापमान नीचे सरकता जा रहा है, राजनीतिक पारा उतनी ही तेजी से बढ़ता जा रहा है। बेशक कांग्रेस ने सभी पत्ते खोल दिए हैं लेकिन भाजपा ने मुख्यमंत्री के चेहरों को लेकर रहस्य बरकरार रखा है। चर्चा में कई नाम हैं लेकिन भाजपा के हिमाचल में चाणक्य व केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा सभी चर्चाओं से किनारा बनाए हुए दो टूक शब्दों में यही कहते हैं, मेरी सबको यही सलाह होती है, अपने से अपना चेहरा नहीं देखा जाता, यह तो दूसरे देखने वाले ही तय करते हैं। बहरहाल, उन्होंने इस सवाल का जवाब सीधे तौर पर न दिया हो लेकिन पंजाब केसरी/नवदोय टाइम्स से विशेष बातचीत में कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। पेश हैं उनसे बातचीत के कुछ अंश :-

भाजपा के लिए हिमाचल में विकास कितना अहम मुद्दा है?
हिमाचल प्रदेश में विकास एक बहुत बड़ा मुद्दा है। हिमाचल एक ऐसा मॉडल स्टेट बन सकता है जो देश को रेप्लीकेट करे। जब-जब हिमाचल में भाजपा की सरकार आई है तो ऐसे काम किए गए हैं जिन्होंने मॉडल के रूप में विभिन्न राज्यों को रेप्लीकेट किया है। इसलिए विकास की अपार संभावनाएं हैं लेकिन वर्तमान समय की भ्रष्ट कांग्रेस सरकार का कोई विजन नहीं है और न ही उनकी इच्छा शक्ति है। इस कारण से यह सारे का सारा मामला रुका हुआ है। जब-जब भाजपा की सरकार आई है तब-तब हमने विकास का काम किया है। हिमाचल प्रदेश को एक मॉडल स्टेट बनाएंगे। 

मुख्यमंत्री के नाम की चर्चा तो आपकी भी है?
मैं... आप अगर मेरा अतीत जानते होंगे तो मैं कभी भी अपने बारे में नहीं सोचने वाला प्राणी हूं। इसलिए मैं अपने आपको सारी चीजों से बाहर रखता हूं। मेरा यह मानना है और सबको सलाह भी देता हूं कि अपने से अपना चेहरा नहीं देखा जाता। यह तो दूसरे ही देखते हैं। 

भाजपा ने मिशन 50 प्लस का नारा बुलंद किया है, इसका गणित क्या है?
गणित तो लोगों के समर्थन का है। जिस तरह लोगों का समर्थन मिल रहा है, भाजपा से जुड़ रहे हैं और समाज के सभी वर्गों की आशा व आकांक्षा भाजपा से बनी है, उस हिसाब से यह गणित बढ़ता हुआ दिख रहा है और यह मिशन 50 प्लस जाएगा। ऐसा मेरा मानना है।

हिमाचल में आमतौर पर त्रिकोणीय मुकाबला रहा है लेकिन इस बार सीधे कांग्रेस-भाजपा के बीच टक्कर है, क्या कहना चाहेंगे?
मैं पहले भी कभी हिमाचल में त्रिकोणीय मुकाबला नहीं मानता रहा हूं। लंबे समय से राज्य में केवल दोकोणीय मुकाबला ही रहा है। उसमें भारतीय जनता पार्टी ने अपनी नींव मजबूत की है। भाजपा का स्पोर्ट बेस बढ़ा है। सभी वर्गों में विस्तार हुआ है। इसीलिए हम वोट प्रतिशत में भी आगे गए हैं और आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जिस तरह से देश में नेतृत्व बढ़ा है, उन्होंने हिमाचल प्रदेश को प्यार दिया है, उससे भी हमारे समाज के सभी वर्गों का रुझान भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आया है व भविष्य में भी आएगा। 

भाजपा हिमाचल में आमतौर पर मुख्यमंत्री का चेहरा लेकर चुनाव मैदान में उतरती रही है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। कोई खास वजह?
देखिए यह रणनीति का विषय है। हर बार हुआ है, ऐसा भी नहीं और हर बार नहीं हुआ, ऐसा भी नहीं। यह समय-समय पर हम तय करते हैं। यूं भी कह सकते हैं कि हम तय नहीं करते, अलबत्ता पार्टी की आलाकमान तय करती है। कई राज्यों में हम बिना चेहरे के गए हैं, कई राज्यों में चेहरे के साथ गए हैं। हरियाणा में हम बिना चेहरे के गए थे, गुजरात में हम चेहरे के साथ जा रहे हैं। असम में हम लीडर के साथ गए थे, महाराष्ट्र में बिना लीडर के गए थे। उत्तर प्रदेश में हम बिना लीडर के गए थे और सभी चुनाव मोदी जी द्वारा जो देश को आगे बढ़ाया जा रहा है, उसमें प्रदेश शामिल हो, भागीदार बने, इस मुद्दे को लेकर लड़े जा रहे हैं। 

टीम अमित शाह में आप खुद को किस स्थान पर पाते हैं?
मैं तो महज एक कार्यकर्ता हूं। कार्यकर्ता की हैसियत से ही काम करता हूं। पूरी तन्मयता, लगन के साथ जो मेरी ताकत है वो मैं लगाता हूं। मैं इस शब्दवाली में भी विश्वास नहीं करता कि किसकी क्या हैसियत है। हर कार्यकत्र्ता एक कार्यकर्ता की ही हैसियत से काम करता है। 

भाजप नहीं देती वंशवाद को प्राथमिकता
हिमाचल की राजनीति में परिवारवाद पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की संस्कृति ही परिवारवाद, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद से जुड़ी हुई है। जहां तक भाजपा का सवाल है तो वह इस संस्कृति की विरोधी रही है। इसे पार्टी ने समय-समय पर रोकते हुए प्रयास किया कि पार्टी का आम कार्यकर्ता बढ़े। इसी वजह से एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं। इसी वजह से अमित शाह कार्यकर्ता बनकर, दीवारों पर पार्टी प्रचार व पोस्टर लगाकर पार्टी अध्यक्ष बने। हम सभी स्ट्डैंट मूवमैंट से निकलकर आए हैं। यूनिवर्सिटी में, क्लास रूम में हमने संगठन को आगे बढ़ाया है। इसलिए हमारे यहां वंशवाद को प्राथमिकता नहीं दी जाती है, हतोत्साहित किया जाता है, ऐसा मैं मानता हूं।