प्राथमिक स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाएंगी N.C.E.R.T. की किताबें, जाने क्या है कारण

Sunday, Nov 12, 2017 - 12:10 PM (IST)

शिमला: प्राथमिक स्कूलों में छात्र अगले शैक्षणिक सत्र में एन.सी.ई.आर.टी. की किताबें नहीं पढ़ेंगे, उन्हें इस बार भी एस.सी.ई.आर.टी.की ही किताबें पढ़ाई जाएंगी। विभाग इसी सिलेबस को अगले वर्ष भी लागू कर रहा है, जबकि प्राथमिक शिक्षक स्कूलों में अगले शैक्षणिक सत्र से एन.सी.ई.आर.टी. की किताबें लगाने की मांग कर रहे थे। शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग व स्कूल शिक्षा बोर्ड ने चालाकी से दोबारा स्कूलों में एस.सी.ई.आर.टी. का सिलेबस लागू कर दिया है, जबकि इस सिलेबस में बच्चों के लिए पर्याप्त पठन सामग्री नहीं है।

विभाग क्वालिटी एजुकेशन की बात करता है
पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों को प्रदेश में एस.सी.ई.आर.टी. की किताबें पढ़ाई जा रही हैं, जिन्हें पिछले कई वर्षों से शिक्षक बदलने की गुहार विभाग व सरकार से लगा रहे हैं। हालांकि बीते दिनों प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों में एस.सी. ई.आर.टी. की जगह एन.सी.ई.आर.टी. का सिलेबस लगाने की हामी भरी थी। सरकार ने भी इसे स्वीकृति दी थी, लेकिन अब स्कूलों में दोबारा से पुराना सिलेबस ही पढ़ाया जाएगा। शिक्षकों ने उठाया है कि जब छठी से 12वीं कक्षा तक एन.सी.ई.आर.टी. का सिलेबस पढ़ाया जा रहा है तो पहली से 5वीं कक्षा तक एस.सी.ई.आर.टी. सिलेबस क्यों पढ़ाया जा रहा है? शिक्षकों का कहना है कि विभाग क्वालिटी एजुकेशन की बात करता है, ऐसे सिलेबस के साथ क्वालिटी आना मुश्किल ही है।

कई बार सरकार के समक्ष यह मामला उठाया
विभाग व बोर्ड का यह फैसला छात्र हित में नहीं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बेदी ने कहा है कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा बोर्ड का यह फैसला छात्र हित में नहीं है, इससे छात्रों को हानि ही होगी। उन्होंने बताया कि संघ ने हर स्तर पर प्रदेश में एस.सी.ई.आर.टी. के  सिलेबस का विरोध किया, लेकिन विभाग व सरकार ने शिक्षकों की इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खमियाजा प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को भुगतना पड़ेगा। हिमाचल शिक्षक क्रांति मंच ने भी कई बार सरकार के समक्ष यह मामला उठाया था। मंच के अध्यक्ष ने कक्षा पहली से 5वीं तक एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा तैयार पाठ्य पुस्तकें पढ़ाने की मांग सरकार से की थी। मंच वर्ष 2009 से इस मांग को सरकार के समक्ष रखता आ रहा है, लेकिन किसी भी सरकार ने शिक्षकों की इस मांग को तवज्जो नहीं दी, जबकि इस समय पहली से 5वीं के सवा 3 लाख प्राथमिक छात्र एस.सी.ई.आर.टी. का सिलेबस पढ़ रहे हैं।