इन 5 जिलों में प्रभावित हो सकता है मशरूम उत्पाद, पढ़ें खबर

Saturday, Jul 14, 2018 - 10:39 AM (IST)

सोलन : सोलन में बनने वाला अत्याधुनिक कंपोस्ट यूनिट तैयार होने में अभी समय लगेगा। अभी तक इसका एस्टीमेट ही तैयार नहीं हो पाया है। इससे इस इकाई के तहत आने वाले 5 जिलों सोलन, शिमला, किन्नौर, सिरमौर व बिलासपुर में खुंब उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इस इकाई में सितम्बर माह से कंपोस्ट उत्पादन शुरू हो जाता है और पंजीकृत किसानों को अनुदान पर कंपोस्ट उपलब्ध करवाई जाती है। इस बार सोलन की कंपोस्ट इकाई पूरी तरह से फोरलेन की जद्द में आ चुकी है और नया यूनिट सितम्बर माह तक तैयार होना काफी मुश्किल लग रहा है।

मशरूम केंद्र सोलन का 40 वर्ष पुराना कंपोस्ट यूनिट फोरलेन की जद्द में आने से अब यहां नया अत्याधुनिक यूनिट बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग ने ड्राइंग तो तैयार कर ली है लेकिन एस्टीमेट तैयार नहीं हो पाया है। सितम्बर माह तक यदि यूनिट तैयार नहीं होता है तो इसके तहत आने वाले 5 जिलों के मशरूम उत्पादकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे इसका प्रभाव मशरूम उत्पादन पर भी पडऩा तय है। कंपोस्ट के लिए मशरूम उत्पादकों को इधर-उधर भटकना पड़ेगा। गौर हो कि चंबाघाट में वर्ष 1961 से खुंब की खेती की जा रही है। यहां देश में पहली बार मशरूम उत्पादन इकाई चंबाघाट में स्थापित की गई थी।

आई.सी.ए.आर. नई दिल्ली ने सबसे पहले चंबाघाट में स्पॉन लैब लगाई, जिसके बाद यहां खुंब की खेती शुरू हुई। वर्ष 1978 में संयुक्त राष्ट्र विकास परियोजना (यू.एन.डी.पी.) के तहत मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1.27 करोड़ रुपए की आॢथक सहायता मिली। इसी आर्थिक मदद से यहां खुंब कंपोस्ट तैयार करने का कार्य आरंभ हुआ। इसके बाद से इस कंपोस्ट यूनिट से 5 जिलों को फायदा हो रहा है। 


सस्ती दरों पर मिलती है कंपोस्ट 
खुंब परियोजना के तहत उत्पादकों को सस्ती दरों पर कंपोस्ट मुहैया करवाई जाती है। यहां पंजीकृत मशरूम उत्पादकों को 80 रुपए का बैग 50 रुपए सबसिडी पर मिलता है। पंजीकृत किसान को 1,600 बैग अनुदान पर मिलते हैं। पहली बार में 400 बैग तक दिए जाते हैं। इसके अलावा खुंब परियोजना के तहत जो लोग मशरूम उत्पादन, कंपोस्ट यूनिट या स्पॉन यूनिट लगाना चाहते हैं, उन्हें विभाग की ओर से सबसिडी भी दी जाती है। 20 लाख रुपए तक की मशरूम उत्पादन यूनिट और कंपोस्ट यूनिट प्रोजैक्ट पर 8 लाख रुपए तक की सबसिडी प्रदान की जाती है। इसी प्रकार 15 लाख रुपए तक की स्पॉन यूनिट प्रोजैक्ट लगाने पर 6 लाख रुपए तक की सबसिडी प्रदान की जाती है।

हिमुडा बना रहा एस्टीमेट 
नया मशरूम यूनिट बनाने के लिए हिमुडा ने नक्शा तो तैयार कर लिया है लेकिन अभी इसका एस्टीमेट तैयार नहीं हो पाया है, जिससे अभी इसकी प्रक्रिया धीमी चल रही है। हिमुडा ही इस भवन का निर्माण भी करेगा। इस पर लगभग 1-2 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। नए यूनिट की प्रक्रिया रिहैबिलिटेशन कमेटी की देखरेख में की जा रही है। इस कमेटी में उद्यान विभाग के उपनिदेशक, एस.एम.एस. सोलन, एस.एम.एस. मशरूम व सहायक नियंत्रक शिमला शामिल हैं।

kirti