37 दिन के मासूम की हत्या का मामला बना पहेली, 16 माह बाद भी पुलिस के हाथ खाली

Friday, Nov 30, 2018 - 06:26 PM (IST)

ऊना (अमित): ऊना के रक्कड़ कालोनी में 9 अगस्त, 2017 को 37 दिन के मासूम का अपहरण करके हत्या किसने की यह सवाल अब सवाल ही बनकर रह जाएगा क्योंकि 16 महीने की जांच के बाद खाली हाथ पुलिस रक्कड़ कालोनी के हरमन की हत्या के मामले को बंद करने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए बाकायदा पुलिस ने कानूनी राय लेना भी शुरू कर दिया है। हालांकि पुलिस अभी तक कुछ बिंदुओं पर जांच जारी रखने का दावा कर रही है लेकिन मामले में अनट्रेसेबल रिपोर्ट बनाने से भी पुलिस इंकार नहीं कर रही।

2 नकाबपोश दिन-दिहाड़े मां से छीन ले गए थे बच्चा

9 अगस्त, 2017 को रक्कड़ कालोनी में दिन-दिहाड़े एक घर से 2 नकाबपोश 37 दिन के बच्चे को मां से छीनकर ले गए थे। यह सूचना पुलिस को मिली थी, जिसके बाद कुछ ही देर में रक्कड़ कालोनी पुलिस छावनी में तबदील हो गया था और पुलिस की टीमें चप्पे-चप्पे में बच्चे की तालाश में जुट गईं थीं। पुलिस ने घर के साथ लगती खड्ड और जंगल को पूरी तरह से छान दिया था लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी थी लेकिन अगले ही सुबह करीब 7 बजे मासूम का शव घर से मात्र 70 मीटर की दूरी पर खड्ड में पड़ा मिला था। रक्कड़ कालोनी निवासी राजेंद्र कौर की शिकायत पर पुलिस ने  बाद में हत्या का मामला भी दर्ज कर लिया था।

अनट्रेसेबल रिपोर्ट बनाने की तैयारी में जुटी पुलिस

इस मामले में पोस्टमार्टम और फोरैंसिक जांच से लेकर डी.एन.ए. टैस्ट भी करवाए गए लेकिन 16 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली के खाली हैं। इस मामले में कई एस.आई.टी. टीमें बनाई गईं और कई दौर की जांच भी हुई लेकिन अब पुलिस इस मामले में अपने हाथ खड़े कर अनट्रेसेबल रिपोर्ट बनाने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए बाकायदा पुलिस कानूनी राय भी ले रही है। हालांकि ए.एस.पी. ऊना विनोद धीमान ने मामले में अभी कुछ पेहलुओं पर जांच जारी होने की बात कही है। वहीं उन्होंने इस मामले में अनट्रेसेबल रिपोर्ट बनाए जाने से भी इंकार नहीं किया।

बहुत से सवालों के जवाब मिलने की नहीं उम्मीद

इस मामले में बहुत से ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अभी तक नहीं मिल पाए हैं और शायद अब मिलने की उम्मीद भी नहीं कि मासूम की हत्या किसने की? नकाबपोश कौन थे? हत्या के पीछे क्या था कारण? अपहरण के बाद चप्पा-चप्पा छानने के समय शव नहीं मिला और अगले ही सुबह घर के समीप ही शव बरामद हुआ। इस पूरे मामले में परिजनों की चुप्पी भी संदिग्ध के घेरे में रही है। परिजनों ने मामले को सुलझाने के लिए पुलिस पर ज्यादा दबाव नहीं डाला और न ही कुछ खुलकर बोला। हालांकि कुछेक संस्थाओं में इस मामले को शीघ्र सुलझाने को लेकर आवाज उठाई लेकिन वक्त के साथ वे भी शांत हो गए।

Vijay