सरकार ने घरेलू बिजली मीटर की फीस बढ़ाकर जनता पर डाला बोझ : मुकेश अग्निहोत्री

Sunday, Nov 01, 2020 - 07:40 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए घरेलू बिजली के मीटर लगाने हेतु बढ़ाई गई फीस को जनता पर बोझ लादने के समान करार दिया है। रविवार को जारी प्रैस बयान में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने अनेक प्रकार के बिजली के मीटर लगाने के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं जोकि बहुत अधिक कर दिए गए हैं, इनको बिना देरी वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह तुगलकी फरमान है।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को समझ लेना चाहिए कि जनता ने जिन वायदों के ऊपर सरकार लाते हुए भाजपा को समर्थन दिया था, उन पर पानी फेरते हुए जनता की उम्मीदों को खाई में फैंकने का काम भाजपा की सरकार कर रही है। समय आने पर जनता भी भाजपा को खाई ही दिखाएगी। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ गई होगी कि भाजपा ने महज झूठे छलावे देकर ठगने का काम किया है सिर्फ वोट के लिए। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का नारा दिया गया, लेकिन प्रदेश की जनता को भाजपा का नेतृत्व बताए कि इंजन का लाभ क्या हुआ?

उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि घरेलू बिजली मीटर की फीस बढ़ाई जा रही है, बिजली के प्रति यूनिट सबसिडी को खत्म कर भारी-भरकम बिल लोगों के घरों में भेजे जा रहे हैं। लोगों के पास बिल देने के पैसे नहीं हैं तो मीटर काटने के आदेश दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या यह कल्याणकारी सरकार है? उन्होंने कहा कि बस किराए कोरोना संकट के दौरान बढ़ाने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। जनता पर डेढ़ गुना किराए की मार डाली गई है। इस महंगाई के लिए जनता कभी भी भाजपा सरकार को माफ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि राशन की सबसिडी बंद कर दी गई। आयकर देने वालों के लिए राशन महंगा कर दिया गया, गरीबों के लिए जो राशन सस्ते में दिया जाता था, उसे भी महंगा किया गया है। उन्होंने कहा कि अब सरकार कह रही है कि दीवाली पर 100 ग्राम चीनी ज्यादा देंगे। उन्होंने कहा कि चीनी दें चाहे न दें लेकिन उचित मूल्य पर जनता को राशन उपलब्ध होना चाहिए, जिससे जनता को राहत मिल सके।

उन्होंने कहा कि छात्रों पर वार करते हुए सरकार ने विश्वविद्यालय में एग्जामिनेशन फीस बढ़ाई है। कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। मैडीकल बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है। भाजपा सरकार जिस प्रकार से लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है, अब एक निर्णय लिया गया है कि स्कूलों की फीस की जो अधिसूचना जारी की गई थी, उसे वापस लेकर यह संदेश दिया जा रहा है कि निजी स्कूल जो हैं, वे लॉकडाऊन के पीरियड की भी फीस ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह तानाशाही पूर्ण फैसला है, जो जनता के हित में नहीं है। ऐसे गलत संदेश वाले फैसलों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जनता पर कोविड काल में बुरी तरह से आर्थिक मार पड़ी है। उन्होंने कहा कि पहले मुख्यमंत्री कहते थे कि मैं हूं न, जयराम पर भरोसा करो, फिर राम भरोसे की बात आ गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता इस सरकार के जनविरोधी व महंगाई बढ़ाने वाले नियमों के विरुद्ध सड़कों पर उतरे गली-मोहल्ले व गांव में रोष व्यक्त करें ताकि यह सरकार जनविरोधी निर्णयों को वापस लेने के लिए बाध्य हो जाए।

Vijay