मुकेश अग्निहोत्री ने जड़ा आरोप, बोले-प्रदेश में सरकार की विफलता से आए दिन हो रहे हादसे

Friday, Jun 21, 2019 - 09:59 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है और आए दिन प्रदेश में हादसे हो रहे हैं व कानून व्यवस्था का दिवाला निकल रहा है। प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में गंभीर नहीं है, जिसके कारण प्रदेश में आए दिन बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं और अपहरण जैसी घटनाएं हो रही हैं। यह बात यहां जारी बयान में नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने कही। उन्होंने कहा कि सड़क हादसे ऐसा गंभीर मामला है, जिस पर सरकार का कोई ध्यान ही नहीं है। कोई भी सरकारी अधिकारी व नेता हादसों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।

नूरपुर में हुए बस हादसे से भी नहीं लिया कोई सबक

उन्होंने कहा कि नूरपुर में हुए बस हादसे के दर्दनाक मंजर से भी कोई सबक नहीं लिया गया है। नूरपुर हादसे के प्रभावित परिवारों को आज भी सरकार कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई है और कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ है। उसके बाद अनेकों हादसे हो चुके हैं। खराब सड़क, ब्लैक स्पॉट, पैरापिट न होना सड़क हादसों के कारण बने हैं, तो वहीं बस चालकों की लापरवाही ने भी हत्या जैसा अपराध करने का काम किया है।

सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए होनी चाहिए विशेष कार्रवाई

उन्होंने कहा कि समय के साथ सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए विशेष कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें सरकार को जहां अपने दायित्व से भागना नहीं चाहिए, वहीं निजी बस ऑप्रेटर हो या सरकारी चालक सभी को नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बंजार के दर्दनाक हादसे ने जिस प्रकार से घरों के चिरागों को बुझाने का काम किया है, उस सबसे हम सबका मन व्यथित है।

अभी भी जांच करेंगे, दखेंगे, होगा जैसे शब्दों का प्रयोग कर रही सरकार

उन्होंने कहा कि ये हादसे सतर्कता से रुक सकते थे लेकिन कमियों के चलते ऐसा नहीं हो सका। इसकी जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। एक सड़क हादसे में 44 के करीब यात्रियों की मौत होना दिल को हिलाने वाली घटना है लेकिन शर्मनाक बात है कि सरकार अभी भी जांच करेंगे, दखेंगे, होगा जैसे शब्दों का प्रयोग कर रही है। ऐसे मामलों पर तो तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को हादसों पर नियंत्रण पाने के लिए ऐसा अभियान शुरू करना चाहिए, जिसमें जहां कमियों को दूर किया जाए, वहीं जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों को फील्ड में उतारा जाए। चालकों को व बस मालिकों को नियमों के बारे में जागरूक किया जाए।

Vijay