पुलिस में बैठे व्यक्ति या सत्ता के मठाधीश के संरक्षण में लीक हुआ प्रश्न पत्र : मुकेश अग्निहोत्री

Saturday, May 07, 2022 - 11:58 PM (IST)

ऊना (विशाल): पुलिस भर्ती प्रश्न पत्र लीक मामले का असली गुनहगार कौन है? क्या वो पुलिस विभाग में बैठा व्यक्ति है या सत्ता में बैठा सौदागर या मठाधीश है? किसने इस भर्ती में पेपर देने वाले प्रदेश के 74 हजार युवाओं के सपनों को तोड़ा है? यह बात ऊना में पत्रकार वार्ता करते हुए नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कही। उन्होंने कहा कि सब कुछ प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुआ है और जब सारा खेल सरकार के हाथ से बाहर चला गया तो पेपर रद्द करने का नाटक रचा गया। हर बार की तरह इस बार भी मामले को दबाने के लिए एसआईटी का गठन किया गया ताकि दोबारा पर्चा होते ही मामला ठंडा पड़ जाए। अग्रिहोत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है और 2 बार पुलिस भर्ती लीक हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। यह राजनीतिक बेइमानी की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की और मामला उजागर होता देख रिजल्ट निकालने की जल्दबाजी की और पूरी धांधली का पटाक्षेप होते ही पेपर रद्द कर एसआईटी का ड्रामा रच दिया गया।

मुकेश अग्निहोत्री ने सवाल किया कि वह कौन अधिकारी रहे हैं जिन पर प्रश्न पत्रों को छपवाने और गोपनीय तरीके से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने का जिम्मा था? उन पर क्या कार्रवाई हुई है? किसने 8 लाख रुपए का दाम तय किया? उन्होंने कहा कि इधर पुलिस भर्ती लीक मामले से जहां प्रदेश की साख बिगड़ी है, वहीं एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें मंत्री और पुलिस अधिकारी जमकर नाटी डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश सरकार ने जितनी भी भर्तियां शुरू की हैं सब की सब विवादित या सवालों के घेरे में रही हैं। चहेतों को लाभ देने के लिए बैक डोर एंट्री की जा रही है। अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह पहले भी विधायक दल के नेता थे और अब वह दोबारा भी विधायक दल के नेता हैं। मुख्यमंत्री ने तो काफी कोशिश की थी उनको हटाने की लेकिन वह हटा नहीं पाए। 

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Content Writer

Vijay