धूमल के बहाने मुकेश ने फिर साधे अग्निपथ से निशाने

Thursday, Feb 06, 2020 - 12:10 PM (IST)

ऊना : नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने एकबार फिर से राजयसरकार पर खनन माफिया को ढील देने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसके लिए बीजेपी के दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के ही ब्यान को आधार बनाया है। धूमल बीते दिन ऊना में थे।

मुकेश ने लिखा है कि - भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल यह दलील चिंताजनक है कि खनन माफिया से सरकार की बदनामी हो रही है और लालची लोग स्वार्थों की पूर्ति के लिए सरकार और स्वां तटीकरण योजना दोनो का नुकसान कर रहे हैं। जाहिर है मामला हद से आगे बढ़ गया है। सफेद अजगरों ने स्वां में जो तांडव मचा रखा है यह एक ना एक दिन किसी की राजनीतिक बलि लेकर रहेगा। हम तो एक अरसे  से मामले को बेनक़ाब करते आए हैं, लेकिन इस दफा चिंगारी अंदर से सुलगी है खनन के आकार को देखते हुए श्री धूमल को भी बोलना पड़ा कि इसे रोको नही तो भारी नुकसान हो जाएगा। हमने तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खत भी लिखा था बात भी की, फोटो भीभेजो वीडियो भी भेजे, मगर लगता है कि उन्होंने हमें राजनीतिक विरोधी मान कर हमारे खत सबूतों  को रद्दी की टोकरी में डाल दिया।

अब धूमल की खनक दिल्ली में धूनी रमाये मुख्यमंत्री श्री जयराम के कानो तक भी पहुंची होगी। पाप का घड़ा भर चुका है मुख्यमंत्री का खौफ  दिखा माफिया का साम्राज्य ज्यादा देर नहीं चलेगा।”किंगपिन्स “को सारा जिला पहचान चुका है। ऊना जिला के पुलिस कप्तान को भी तबादले से पहले खनन माफिया बारे धूमल के प्रवचन सुन गए होंगे। कहा गया कि प्रशासन करवाई करे। याद रहे ऊना के पिछले एसपी खनन पर एक्शन करते हुए आधे घंटे में जिले से बाहिर कर दिए थे। इसलिए पूरा प्रशासन फेविकोल लगा कर कुर्सियों पर दुबका है, टिपरों को छोड़ स्कूटरों के चालान कर रहा है। उधर हम एक अरसे से कह रहे है कि  प्रदेश को राजस्व का करोड़ों का चूना लग रहा है। स्वां तटीकरण की बर्बादी हो रही है मामला मुख्यमंत्री , सिंचाई मंत्री, उद्योग मंत्री सब के संज्ञान में है। कुछ तो है जो सब मौन धारण किए हैं। जहां तक स्वां  तटीकरण का सवाल है तो यह परियोजना करीब 1350 करोड़ से मुकम्मल होगी। पहले चरण में 76 करोड़, दूसरे में 211 करोड़, तीसरे में 48 करोड़ चौथे में 922 करोड़ खर्च हो रहा है। पांचवां और अंतिम चरण क़रीब 150 करोड़ का होगा।

यानि दो दशकों की मेहनत के बाद प्रोजेक्ट पूर्ण होगा। प्रोजेक्ट के श्रेय को लेकर भाजपा और धूमल साहब से हमारे मतभेद हैं और रहेंगे। जहां उन्होंने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया, बहीं हमें भी वो दिन भूला नहीं हैं जिस रोज श्री हरीश रावत केंद्रीय मंत्रीमंडल छोड़ कर उतराखंड के मुख्यमंत्री बनने के लिए फ्लाइट लेने बाले थे और हम ने 922 करोड़ की फ़ाइल पर उनसे दस्तखत करवाए। मगर हम श्री धूमल की इस बात से सहमत हैं कि  यह अकेला प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश कि अनाज की ज़रूरतें पूरी कर सकता है। बड़े पैमाने पर ज़मीन रिक्लेम हुई है जिस पर खेती के लिए एक बहुत बड़ी सिंचाई योजना की जरूरत महसूस हो रही है। मगर इस समय तांडव यानी नंगा नाच मचा है। इलाका पोकलेन,जेसीबी,टिपरों की मंडी बना हुआ है वो भी उस शासन में जिन का नारा माफिया राजखत्म करने का था।

दर्जनों वीडियो क्लिप और सैकड़ों फोटो अखबारों और डिजिटल मीडिया ने जारी कर दी। ताजा क्लिप तो कुछ और ही बयान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि माफिया से निपटने का उनके पास फ़ार्मूला है। धर्मकांटे और बैरीयर लगेंगे। हमने कहा था कि बटालियन लगा दो। उधर अफसर खुलेआम कहते हैं करवाई का आदेश नही है “जिले में रहना है तो खननकारों को सलाम कहना है”पहले ऊना नगर पंचायत के भाजपा नेता व पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि नही रुके तो अदालत जाएंगे। फिर ऊना के एक वरिष्ठ वकील कहते हैं कि ग्रीन ट्रिब्यूनल में जाएंगे। लेकिन अब लगता है कि बात निकली है तो दूर तलक जाएगी।(लेखक हिमाचल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं)

 

kirti