शिमला की तरुणा ने चमकाया हिमाचल का नाम, जीत मिसेज इंडिया गैलेक्सी का खिताब

Tuesday, Jul 31, 2018 - 10:59 AM (IST)

शिमला: शिमला की तरुणा मिश्रा डेजलिंग दिवाज 2018 मिसेज इंडिया कॉन्टैस्ट में विनर रही। बचपन से ही फैशन और मॉडलिंग में दिलचस्पी रखने वाली तरुणा का यह खिताब जीतकर सपना साकार हुआ। इस कॉन्टैस्ट में कई राऊंड्स थे मसलन टैलेंट राऊंड, कैटवॉक, क्वैश्चन आंसर राऊंड, ट्रैडिशनल, वैस्ट्रन राऊंड आदि। इन सभी में वह आगे रहीं। तरुणा मिश्रा प्र यात थिएटर, रेडियो, टी.वी. आर्टिस्ट और सिंगर तो हैं ही, साथ ही वे कुशल गृहिणी भी हैं। उनके पति हिमांशु मिश्रा 1998 बैच के आई.पी.एस. ऑफिसर हैं और हिमाचल के आई.जी हैं। तरुणा की कामयाबी भरे सफर में उनके पति का पूरा साथ रहा। 


जीत चुकी हैं कई राष्ट्रीय पुरस्कार 
तरुणा वे चार वूमैन अचीवर अवार्ड विजेता हैं। ‘वॉयस ऑफ हिमाचल’ और ‘हिमाचल की आवाज’ की फाइनलिस्ट भी रही हैं। नॉर्थ जोन सिंगिंग कंपीटिशन के अलावा भी वे स्थानीय, राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपने हुनर के बल पर खिताब जीत चुकी हैं। तरुणा ‘मिसेज इंडिया हिमाचल’ की फाइनलिस्ट रही। इस प्रतियोगिता में उन्होंने ‘ब्यूटी विद ए काज’ का टाइटल अपने नाम किया था। ‘डेजलिंग दीवा मिसेज इंडिया 2018’ प्रतियोगिता में मिसेज इंडिया गैलेक्सी का खिताब जीतकर उन्होंने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। तरुणा कहती हैं, ‘मैं हमेशा अपने सपनों के लिए और सामाजिक कल्याण के लिए काम करती रही हूं। इस प्लेटफॉर्म के जरिए और सशक्त रूप से इस क्षेत्र में काम कर पाऊंगी।


दादा-दादी और पिता को समर्पित किया अवॉर्ड
तरुणा ने अपना यह अवॉर्ड अपने दादा-दादी और पिता को समॢपत किया है, जो आज इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके दिए संस्कारों की बदौलत ही वह कामयाबी तक पहुंच पाईं। इसका श्रेय वह अपनी मां को देती हैं। मिश्रा फिलहाल हिमाचल प्रदेश में यूनाइटेड नैशन एसोसिएशिन की को-आर्डीनेटर हैं। वह बच्चों को ग्रो योर ऑर्गेनिक फूड कैंपेन के तहत प्रेरित कर रही हैं। उनका मानना है कि बच्चा चाहे जो प्रोफैशन चूज करे लेकिन उसे फार्मिंग की जानकारी जरूर होनी चाहिए। वह पौधारोपण मुहिम में भी सक्रिय हैं। खासतौर से पारंपरिक पेड़ों जैसे कचनार और नींबू को बचाने में वह खासी मेहनत कर रही हैं। वह स्कूली बच्चों को कृषि संबंधी जानकारी देना बेहद जरूरी मानती हैं।

Ekta