सांसद का CM पर पलटवार, बोले-पत्नी क्या हारी अब जातिवाद दिखने लगा

Tuesday, Feb 21, 2017 - 10:05 AM (IST)

जोगिंद्रनगर: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मंडी में आकर क्षेत्रवाद व जातिवाद की राजनीति का जहर घोलने की लत लग गई है। मुख्यमंत्री शायद यह नहीं जानते कि मंडी की प्रबुद्ध जनता ने आज तक किसी जाति या व्यक्ति विशेष का साथ नहीं दिया और हर बार केवल विकास के नाम पर प्रतिनिधि चुना है। मुख्यमंत्री से लेकर उनकी पत्नि और कांग्रेस के कदावर नेता सुखराम तक मंडी से चुनाव हार चुके हैं। मुख्यमंत्री की पत्नि चुनाव क्या हारी मुख्यमंत्री ने पूरे संसदीय क्षेत्र में जातिवाद का जहर घोल कर अपनी भड़ास निकालना शुरू कर दी। मुख्यमंत्री का सार्वजनिक तौर पर यह कहना कि रामस्वरूप को कोई चायवाला तक नहीं जानता यह भी उनकी इसी झलाहट का परिणाम है।   


उन्हें देश का वह चाय वाला बखूबी जानता है जो आज प्रधानमंत्री है
रामस्वरूप ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्हें देश का वह चाय वाला बखूबी जानता है जो आज देश का प्रधानमंत्री है। उसी चाय वाले ने प्रदेश में नैशनल हाईवे के विस्तार के लिए 62,000 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। पर्यटन के लिए 100 करोड़ रुपए और 3 मैडीकल कॉलेज की सौगात प्रदेश को दी है। एम्स से लेकर सिंचाई योजनाओं और मनरेगा के लिए करोड़ों के बजट की बढ़ौतरी हुई है। उनके लिए इससे ज्यादा नाज की बात और क्या हो सकती है कि उनका उस चाय वाले से नजदीकी संबंध है। मुख्यमंत्री हजारों करोड़ रुपए केंद्र से वसूल कर चुके हैं और अब कह रहे हैं कि वह सरकार जुगाड़ से चला रहे हैं।


वीरभद्र ने अपनों की फजीहत में कोई कसर नहीं छोड़ी
रामस्वरूप ने कहा कि सरकार तो जुगाड़ से नहीं चलती पर परिवार जुगाड़ से जरूर चलाए जाते हैं, जिसे मुख्यमंत्री बखूबी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री इन विधानसभा चुनावों में मंडी के किसी भी क्षेत्र से चुनाव लड़कर देख लें, उनके द्वारा जातिवाद पर की गई राजनीति का जवाब जनता से मिल जाएगा। रामस्वरूप ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले तो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर प्रताड़ित करते हैं फिर कहते हैं कि वह तो धर्मनिरपेक्ष हैं जबकि हमीरपुर जाने पर विरोधियों को जेल भेजने का फरमान जारी कर आते हैं और कांगड़ा में अपनों पर ही वार करके आते हैं। यह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने अपनों की फजीहत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।