मौत के डर से ज्यादा लोगों को है कानून का खौफ, यकीन नहीं तो देख लीजिए

Sunday, Sep 29, 2019 - 05:09 PM (IST)

पालमपुर (प्रवीण): कहते हैं सजा का डर ही किसी शख्स को अपराध करने से रोकता है। यानी जब तक सजा सख्त ना हो, कोई अपराध करने से नहीं डरता। नए ट्रैफिक नियमों की सबसे बड़ी खासियत यही है कि वह बेहद सख्त हैं। मोदी सरकार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर इतना भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है कि कोई भी शख्स रेड लाइट जंप करने से पहले भी सौ बार सोचेगा। केंद्र सरकार ने एक सितंबर मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया है। अब चालान का डर वाहन चालकों पर साफ दिखाई देने लगा है। इतना ही नहीं इस डर से न केवल युवा अपितु रिटायर्ड लोग भी लाइन में देखे जा सकते हैं तथा लाइसैंस बनाने वालों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसे कानून का खौफ कहें या फिर रूटीन का काम लेकिन एक बात तो है कि आज जिस प्रकार से चालान का खौफ लोगों के जेहन में घुसा हुआ है उसमें लोगों को लाइसैंस बनाना तथा कागजात पूरे रखना जरूरी हो गया है। 

पालमपुर आर.एल.ए. की बात करें तो वहां पर पहले जहां 1 दिन में 15 से 20 लाइसैंस बनते थे आज वहीं लगभग 55 से 60 लाइसैंस रोजाना बन रहे हैं। इन लाइसैंस बनाने वालों में केवल युवा लड़के-लड़कियां ही नहीं बल्कि रिटायर्ड लोग तथा वह महिलाएं भी शामिल हैं जोकि प्रतिदिन स्कूटी तो चलाती थीं लेकिन लाइसैंस नहीं बनाया हुआ था। यहां एक बात और गौर करने वाली है कि यह लोग जोकि लाइसैंस बनाने के लिए आ रहे हैं बहुत सारे लोग लर्निंग लाइसैंस का टैस्ट देने के लिए कम्प्यूटर में बैठ रहे हैं जिसमें बहुत सारे लोग कम्प्यूटर का ज्ञान न होने के कारण टैस्ट में सफल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में उनके लिए लाइसैंस बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है।

 

Ekta