हिमाचल में Monkeypox के संदिग्धों के सैंपलों की आईजीएमसी, एनआईवी पुणे में होगी जांच, रखें बचाव

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 02:49 PM (IST)

हिमाचल: हिमाचल में मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच आईजीएमसी शिमला और एनआईवी पुणे में होगी। इसको लेकर स्वास्थ्य महकमे ने प्रदेश के सभी अस्पतालों को निर्देश जारी कर दिए हैं। महकमे ने लोगों से भी आग्रह किया है कि अगर शरीर में गिल्टियां हैं या फिर तेज बुखार, दर्द समेत अन्य लक्षण तो उसे हल्के में न लें। ऐसे लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाएं। अस्पतालों को संबंधित लक्षण लेकर आने वाले मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री का पता लगाने के लिए भी कहा है।

विदेश से आने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए आशा वर्कर और हेल्थ केयर वर्कर को निर्देश दिए हैं। देश में मंकी पॉक्स के मामले आने शुरू हो गए हैं। चिकित्सकों के अनुसार मंकी पॉक्स एक वायरल संक्रमण है। यह वायरस पीड़ित व्यक्ति की चपेट में आने से फैलता भी है। मंकी पॉक्स के कारण दाने, लिंफ नोड्स में सूजन, तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द और अन्य लक्षण हो सकते हैं। इसके कुछ प्रकार गंभीर भी बन सकते हैं। 

ऐसे फैलती है बीमारी मंकी पॉक्स 

मंकी पॉक्स (Monkeypox) एक वायरल बीमारी है जो मुख्यतः बंदरों में पाई जाती है लेकिन मानवों में भी फैल सकती है। यह बीमारी निम्नलिखित तरीकों से फैलती है:

सीधे संपर्क से: मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों (जैसे, खांसी, छींक, या घावों के संपर्क में) से फैलती है। यदि आप संक्रमित व्यक्ति के साथ करीबी संपर्क में आते हैं, तो बीमारी फैल सकती है।

संक्रमित जानवरों से: मंकी पॉक्स के वायरस को संक्रमित जानवरों (जैसे, बंदर, गिलहरी, या चूहे) के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। यह जानवरों के खून, मूत्र, या मल के संपर्क में आने से हो सकता है।

संक्रमित वस्तुओं से: बीमारी उन वस्तुओं से भी फैल सकती है जो संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई हों, जैसे कि बिस्तर, तौलिये, या कपड़े।

वायु के माध्यम से: हालाँकि यह कम आम है, लेकिन मंकी पॉक्स के कुछ मामलों में, वायु के माध्यम से भी वायरस फैल सकता है, विशेषकर अगर संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहे हों।

मंकी पॉक्स की पहचान के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट, और त्वचा पर दाने शामिल हैं। अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव होता है या आप संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
 


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News Editor

Rahul Singh

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