फर्जी DSP-Inspector बनकर मजदूरों से ऐंठे पैसे, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

Wednesday, Sep 20, 2017 - 11:54 PM (IST)

मंडी: मंडी में नकली पुलिस अधिकारी बनकर अन्य राज्यों से आई.आई.टी. कमांद में मजदूरी करने आए मजदूरों से एंट्री फीस के नाम पर अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। यही नहीं, मजदूरों को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें आतंकवादी घोषित कर जेल में डाल दिया जाएगा। मजदूरों की होशियारी से शिकायत मिलते ही पुलिस ने 2 शातिरों को पकड़ लिया है और उनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है। पकड़े गए 2 शातिरों में से एक नगर परिषद मंडी का सफाई कर्मचारी है। 

एंट्री फीस के नाम पर 4 मजदूरों से लिए पैसे
बताया जा रहा है कि फर्जी डी.एस.पी. व पुलिस इंस्पैक्टर बनकर दोनों शातिरों ने मंगलवार रात को सांबल में पैदल बस स्टैंड मंडी को आ रहे 4 मजदूरों को पूछताछ के लिए रोका और काफी देर बाहरी होने के चलते खूब धमकाया। इसके बाद जब मजदूर पैदल ही बस स्टैंड पहुंचे तो वहां फिर से दोनों ने उनके आधार कार्ड जांच के लिए अपने कब्जे में लिए और उनसे क्षेत्र में एंट्री फीस के नाम पर एक-एक हजार रुपए मांगा। मजदूरों ने जब पैसे देने से आनाकानी की तो दोनों फर्जी पुलिस अधिकारियों ने उन्हें फर्जी दस्तावेज बनाकर आतंकवादी घोषित करने की धमकी दे डाली, जिससे सभी घबरा गए और उन्होंने पैसे दे दिए। इस बीच असली पुलिस के जवान पहुंचे तो उक्त मजदूरों ने उन्हें सारी कहानी बताई।

मजदूरों की निशानदेही पर दबोचे आरोपी
पैसे ऐंठने वालों में तरुण कुमार पुत्र सुंदर सिंह निवासी सांबल जोकि नगर परिषद मंडी में कार्यरत है, उसने खुद को इंस्पैक्टर व लेखराज पुत्र हीरा सिंह निवासी छिपणु ने खुद को डी.एस.पी. बताया। वहीं कुछ देर बाद जब खुद को इंस्पैक्टर बताने वाला दिखा तो मजदूरों की निशानदेही पर पुलिस जवानों ने उसे शक के आधार पर धर दबोचा जबकि दूसरे को सदर पुलिस की टीम उसके घर छिपणू से पकड़ कर लाई। इसके बाद मजदूर पंकज कुमार की शिकायत पर सदर पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों से पैसे भी बरामद कर लिए हैं और उन्हें देर शाम को कोर्ट में पेश किया गया। एस.पी. अशोक कुमार ने कहा कि आई.ओ. किशोरी लाल मामले की जांच कर रहे हैं। 

एक आरोपी पहले से ही करता आ रहा ऐसा काम
डी.एस.पी. हैडक्वार्टर मंडी  हितेश लखनपाल ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। दोनों कब से फर्जी अधिकारी बन लोगों को लूट रहे थे। इसकी जांच की जाएगी। जांच में सामने आया है कि इनमें से एक पहले से ही ऐसा काम करता आ रहा है।