मोदी लहर में फेल दल-बदल का खेल: सुखराम परिवार का डूबा सियासी तारा, चंदेल भी रहे घाटे में

Friday, May 24, 2019 - 12:23 PM (IST)

धर्मशाला/पालमपुर (सौरभ/मुनीष): दल-बदल के सहारे सत्ता हासिल करने की कवायद इस बार प्रदेश में नहीं चल पाई। चुनाव में मोदी की आई सुनामी के आगे कुछ नेताओं के चुनावी बेला में पाला बदल कर अपना सियासी भविष्य सुरक्षित करने के प्रयास भी दम तोड़ गए। कांग्रेस ने इस चुनाव में 2 सीटों को झटकने के लिए भाजपा के 2 नेताओं को अपने दल में शामिल करवाया। इन नेताओं की कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा भी दिल्ली में राहुल के दरबार से करवाई गई। इनमें मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने अपनी टीम पर भरोसा करने की बजाय कभी कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता रहे सुखराम के पोते और भाजपा के मंत्री अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा पर दाव खेल दिया। मंडी संसदीय क्षेत्र में अचानक भाजपा मंत्री अनिल शर्मा के बेटे को कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद कांग्रेस व भाजपा दोनों में हड़कंप मच गया। 

लंबे समय तक मंडी की सत्ता के सहारे प्रदेश व केंद्र की राजनीति में रहे पं. सुखराम के खुद अपने पोते के साथ प्रचार में उतरने से मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद के चलते भाजपा ने मंडी सीट पर प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी। मंडी सदर क्षेत्र को दशकों से पंडित सुखराम का गढ़ माना जाता था लेकिन मोदी की सुनामी में उनका यह गढ़ इस बार ध्वस्त हो गया और आश्रय शर्मा को मंडी सदर से भी लीड नहीं मिली। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने भाजपा के ही 3 बार सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सुरेश चंदेल को चुनाव से कुछ दिन पहले अपने पाले में कर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में अनुराग ठाकुर की दिक्कतें बढ़ाने का प्रयास तो किया मगर यह प्रयास भी 3 लाख से अधिक लीड के आगे नाकाम साबित हुआ।

फायदे में रहे काकू और सिंघी राम

कांगड़ा से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सिंघी राम ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल होकर कहीं न कहीं अपने लिए एक सियासी राह जरूर बना ली है। दोनों ने चुनाव में भाजपा के पक्ष में जमकर प्रचार भी किया।
 

Ekta