कर्ज के बोझ तले हिमाचल के हिस्से केवल शाबाशी, धेले की मदद नहीं : राणा

Monday, Nov 11, 2019 - 06:04 PM (IST)

हमीरपुर : सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा जी ने कहा है कि इन्वेस्टर मीट के बहाने प्रदेश की जनता ने केंद्र सरकार से उम्मीद लगाई थी कि कोई आर्थिक पैकेज भी मिलेगा। लेकिन शाबाशी के सिवाए एक धेले की मदद भी नहीं मिली। उन्होंने पूछा कि अब डबल इंजन कहां गया। केंद्र का इंजन क्यों रंग बदल रहा है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि निवेश की बात सरकार कर रही है लेकिन लैंड बैंक का कोई अता-पता नहीं है। उद्योगपति निवेश के लिए तैयार हो रहे हैं लेकिन सरकार की अव्यवस्थाओं को देखकर हाथ पीछे खींच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले 69 राष्ट्रीय उच्चमार्गों का शिगूफा छोड़कर पूरे प्रोजेक्ट को मझधार में छोड़ दिया। रेलवे लाइन विस्तारीकरण पर खुद पैसे खर्च करने की बात कहकर केंद्र सरकार पल्ला झाड़ चुकी हैं और अब करोड़ों के निवेश के बीच फिर इस पहाड़ी राज्य को उसके सहारे ही छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि राइजिंग हिमाचल का नारा दिया जा रहा है लेकिन 52,000 करोड़ रुपए के बोझ तले हिमाचल में यह सपना साकार करने के लिए केंद्र सरकार का दायित्व था कि हवाई बातें व लच्छेदार भाषण की जगह कोई राहत भी प्रदान करते।

उन्होंने कहा कि सड़कों का बुरा हाल हो चुका है। रेलवे नैटवर्क कमजोर है और हवाई सेवाएं भी उतनी उन्नत नहीं हो पाई है। फिर खड्डों में तब्दील हो चुकी सड़कों के दम पर करोड़ों के निवेश की बात करना बेमानी लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले खुद को मजबूती प्रदान करनी होगी। लेकिन सरकार के नेता व मंत्री ही खफा-खफा दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में मीठी-मीठी बातों की बजाए केंद्र सरकार ने सकारात्मकता दिखाते हुए कोई आर्थिक राहत की पहल की होती तो प्रदेश हित में होता और उद्योगपति भी दिलचस्पी दिखाते। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारें हर मुद्दे में काम करने की बजाए अपनी ब्रांडिंग में ही लगी रहती है।
 

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