राजेंद्र राणा ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, बोले-कभी भी फेल हो सकता है सारा सिस्टम

Sunday, Feb 09, 2020 - 06:11 PM (IST)

हमीरपुर (ब्यूरो): कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि देश की हालत चिंताजनक स्थिति में जा पहुंची है। ऐसा लग रहा है कि समूचा सिस्टम कभी भी फेल हो सकता है। हिंदोस्तान के लोकतंत्र को ऐसे अविश्वास भरे दौर से पहली बार गुजरना पड़ रहा है। लोकतंत्र के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है कि सत्ता पक्ष के लोग जनता से जो बोल रहे हैं वह निरा झूठ बोल जा रहा है। बीजेपी को सत्ता से वास्ता है। सत्ता बनाए रखने के लिए वह बड़े से बड़ा झूठ निरतंर बोल रही है।

मोदी सरकार की प्राथमिकता में हिंदू-मुसलमान जैसे मुद्दे

उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे यंग राष्ट्र में बेरोजगारी पूरे चरम पर है। नौजवान रोजगार की तलाश में दर-दर भटक कर हताश व निराश हो चुका है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश बन चुका है, जहां पढ़े-लिखे बेरोजगार अत्यधिक तनाव से गुजर रहे हैं लेकिन मोदी सरकार की प्राथमिकता में हिंदू-मुसलमान जैसे मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि बुरी तरह चौपट हो चुकी अर्थ व्यवस्था की चर्चा की बजाय देश के मरहूम नेताओं व उनके परिवारों को भला-बुरा व गाली-गलौच की चर्चाएं जोरों पर हैं। आलम यह है कि देश की संसद व बीजेपी के खेमे में आज हिंदोस्तान से ज्यादा चर्चा या तो पाकिस्तान की हो रही है या फिर देश हित में आवाज उठाने वाले मोदी विरोधियों की।

देश के असल मुद्दों से भटकाया जा रहा जनता का ध्यान

विपक्ष व राजनीतिक विरोधियों को देश के दुश्मन साबित करने में समूचा मोदी तंत्र रात दिन एक्टिव रखा जा रहा है। झूठ, धौंस, दबाव की राजनीति हर नागरिक पर हावी की जा रही है। उद्योग धंधे को सरकार के हिमायती मित्र मंडली का माफिया धीरे-धीरे कर के निगल चुका है। देश में विकास पूरी तरह ठप्प है लेकिन मोदी राज में नेहरू-गांधी परिवार को गाली देकर या कसूरवार ठहराकर देश के असल मुद्दों से ध्यान भटका कर जनता को गुमराह करने का षड्यंत्र निरतंर जारी है।

इससे ज्यादा सत्ता की मनमानी की अति कभी नहीं देखी

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का रिजर्व पैसा सरकार उठा चुकी है। प्रचंड बहुमत का प्रयोग अंग्रेजी हुकूमत की तरह डराने-धमकाने व मनमानी के लिए किया जा रहा है। जनता व राजनीतिक विरोधियों को दोयम दर्जे का नागरिक मानकर उन पर मनमानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत के लोकतंत्र में इससे ज्यादा सत्ता की मनमानी की अति कभी नहीं देखी गई है।

Vijay