9वीं कक्षा के बच्चों को बांटे नि:शुल्क बैग

Thursday, Dec 05, 2019 - 04:04 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): स्कूली बच्चों पर बस्तों का बोझ कम करने की चर्चा कई वर्षों से होती आई है लेकिन अब केंद्र सरकार ने पाठ्यक्रम का बोझ कम करने का फैसला किया है, जो एक सराहनीय कदम है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि पहली और दूसरी के छात्रों को होमवर्क न दिया जाए और उनके बस्तों का वजन भी डेढ़ किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए। मंत्रालय ने पहली से लेकर 10वीं क्लास तक के बच्चों के बस्ते का वजन भी तय कर दिया है। निश्चित ही शिक्षा पद्धति की एक बड़ी विसंगति को सुधारने की दिशा में यह एक सार्थक पहल है जिससे भारत के करीब 24 करोड़ बच्चों का बचपन मुस्कुराना सीख सकेगा। सरकार ने संभवत: पहली बार यह बात स्वीकार की है कि बच्चों को तनावमुक्त बनाए रखना शिक्षा की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

पिछले कुछ समय से विभिन्न सरकारों की यह प्रवृत्ति हो चली है कि वे शिक्षा में बदलाव के नाम पर पाठ्यक्रम को संतुलित करने की बजाय उसमें कुछ नया जोड़ती रही एवं बोझिल करती रही हैं। इस तरह पाठ्यक्रम बढ़ता चला गया। सरकार ने बच्चों के बचपन को बोझिल होने से बचाने के लिए अनेक सूझबूझ वाले निर्णय लिए हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य फ तेह चंद नेगी ने बताया कि पूर्व प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रकाश चंद के माध्यम से हाल ही में सरकार के द्वारा अटल वर्दी योजना के अंतर्गत जो वॢदयां वितरित की गईं और उसके साथ इस साल पहली बार विशेषकर 9वीं क्लास के बच्चों को नि:शुल्क स्कूल बैग बांटे गए। उन्होंने बताया कि भल्याणी स्कूल में 9वीं कक्षा में 58 विद्यार्थी हैं। उन्होंने विभाग और सरकार की इसके लिए सराहना की है।

kirti