वन मंत्री राकेश पठानिया के तीखे तेवरों से गर्माया सदन का माहौल, विपक्ष ने की नारेबाजी

punjabkesari.in Friday, Feb 25, 2022 - 10:25 PM (IST)

शिमला (राक्टा): विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर लाए गए धन्यावाद प्रस्ताव पर दूसरे दिन भी जारी चर्चा के दौरान वन मंत्री राकेश पठानिया के तीखे तेवरों से सदन का मौहाल गर्मा गया। वन मंत्री जब चर्चा में भाग ले रहे थे तो उनकी कुछ टिप्पणियों पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने एतराज जताया और सदन के भीतर ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे, ऐसे में सत्तापक्ष के सदस्य भी दूसरी तरफ से वन मंत्री के पक्ष में खड़े हो गए, जिससे महौल गर्मा गया। इसी बीच आसन पर बैठे सभापति कर्नल इंद्र सिंह ने लंच ब्रेक की व्यवस्था दे दी, ऐसे में विपक्ष वॉकआऊट नहीं कर पाया जबकि वह पूरी तरह से तैयार था। 

कांग्रेस पर एक के बाद एक बोले हमले

बता दें कि धन्यवाद प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा की शुरूआत करते हुए राकेश पठानिया ने कहा कि अभिभाषण में सरकार के 4 वर्षों के कार्यकाल के कार्यों का उल्लेख है। विपक्ष तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहा है। कोरोना संकट के बावजूद कर्मचारियों को हर माह समय पर वेतन मिला। सरकार ने 5 लाख से अधिक हैल्थ कार्ड बनाए। वन मंत्री जब बोल रहे थे तो विधायक विक्रमादित्य सिंह सहित अन्य कुछ सदस्य भी कुछ कहते सुनाई दिए। इसी बीच वन मंत्री ने कांग्रेस पर एक के बाद एक हमले बोले। उन्होंने वर्ष 1962, 1965 तथा 1971 के युद्धों का जिक्र भी किया, साथ ही उन्होंने कांग्रेस के युवा विधायक विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ अदालतों में लंबित मामलों का हवाला दिया। उनका कहना था कि पूर्व सरकार के समय में स्कूटर पर सेब ढोए जाते थे। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन के सदस्य के खिलाफ इस तरह आरोप नहीं लगाए जा सकते। वन मंत्री की विक्रमादित्य व कांग्रेस पर की गई टिप्पणी से विपक्ष भड़क उठा तथा सदस्यों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने भी सदन में नारेबाजी की। दोनों तरफ से नारेबाजी के बीच सभापति ने सदन की कार्रवाई भोजनावकाश तक स्थगित कर दी। विधायक नरेंद्र ठाकुर, संजय अवस्थी, नंदलाल, विनोद कुमार, भवानी सिंह पठानिया, सुभाष ठाकुर, मोहन लाल ब्राक्टा, रोहित ठाकुर, राजेश ठाकुर, रीना कश्यप और परमजीत सिंह पम्मी ने भी चर्चा में भाग लिया। 

विपक्ष के विरोध में नहीं दिया गया बोलने

भोजनावकाश के बाद भी वन मंत्री राकेश पठानिया चर्चा में भाग लेते हुए अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध किया और कहा कि वह पहले बोल चुके हैं। ऐसे में नियमों के तहत वह दोबारा नहीं बोल सकते। काफी देर तक इस पर गहमागहमी होती रही और बाद में पठानिया को बोलने नहीं दिया। 

ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातिय क्षेत्र घोषित करें : हर्षवर्धन चौहान

धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा में भाग लेते हुए विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अभिभाषण दस्तावेज झूठ का पुलिंदा है। पिछले बजट में 30 हजार नौकरियों की बात कही थी लेकिन कितनी मिलीं, ये बताया नहीं गया है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं के मसले पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री कर्मचारियों को डरा-धमका रहे हैं। कर्मचारी जायज मांगें कर रहे हैं जबकि सरकर नोटिफिकेशन निकाल कर और उनकी हड़ताल बंद करवाना चाह रही है। उन्होंने ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातिय क्षेत्र घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि शनिवार को इस मसले पर महाखुंबली होने जा रही है।

सिरमौर के पिछड़ने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार : सुखराम चौधरी

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि सिरमौर जिले के पिछड़ने के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। केंद्र और प्रदेश में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस नेताओं ने ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातिय क्षेत्र घोषित किए जाने का मामला नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने हर वर्ग का ख्याल रखा है। किसानों को सस्ती बिजली देने जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब कर्मचारियों की चिंता कर रही है लेकिन जब तक सत्ता में थी तो उसने इनकी कोई चिंता नहीं की। इसके साथ ही विधायक अरुण कुमार कूका ने भी कांग्रेस सरकार पर तीखे प्रहार किए।

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Content Writer

Vijay

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