यहां नदी का सीना छलनी करने में जुटा खनन माफिया, मूकदर्शक बना विभाग

Friday, Aug 16, 2019 - 09:27 PM (IST)

बड़ूही (अनिल): स्वां नदी में अवैध और अवैज्ञानिक खनन का क्रम बदस्तूर जारी है। हालांकि बरसात के मौसम में पट्टा धारकों को भी लीज क्षेत्र में खनन की अनुमति नहीं होती है, बावजूद इसके सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बेखौफ पीले पंजे से स्वां नदी का इस बरसात में सीना छलनी किया जा रहा है। स्वां नदी के चरुरु-लोहारली क्षेत्र में खनन से हालात बदतर हो चुके हैं। यहां नियमों को धत्ता बताकर दिन-रात मशीनों से अवैध और अवैज्ञानिक खनन को अंजाम दिया जा रहा है। मानसून के मौसम में खनन गतिविधियों पर पूर्णतया प्रतिबंध रहता है। यहां तक कि लीज क्षेत्र की अनुमति देने से पहले इसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख होता है कि पट्टा धारक किसी भी स्थिति में मानसून के दौरान पट्टा क्षेत्र में खनन गतिविधियों को अंजाम नहीं देगा लेकिन ये नियम शायद यहां लागू नहीं होते हैं।

खनन पर इसलिए लगाया जाता है प्रतिबंध

मानसून में खनन गतिविधियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहता है क्योंकि पानी का जीव शैवाल के विकास के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। मानसून के इसी मौसम में हुई वृद्धि से शैवाल पूरा साल पानी के स्तर को सही रख पाता है। पूर्व में किए खनन के दौरान बने गड्ढों में रेत भरने के लिए भी खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है ताकि बरसाती पानी से गड्ढों में रेत भर सके।

सरहद पार करवाने की रिकॉर्डिंग वायरल

खनन माफिया किस कद्र बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहा है, इसका अंदाजा हाल ही के दिनों में वायरल हुए ऑडियो क्लिप से बखूबी लगाया जा सकता है, जिसमें रिकॉर्ड बातचीत में बेखौफ रेत की गाड़ियों को हिमाचल की सरहद पार करवाने का जिम्मा लेते हुए यहां से रेत ले जाने की बात की जा रही है।

पहले ही मिल जाती है खननकारियों को सूचना

खनन माफिया और विभाग का तालमेल भी अक्सर चर्चा का विषय बना रहता है। ग्रामीणों का आरोप है कि यदि अवैध खनन की जानकारी विभागों को दी जाती है तो विभागों के कुछ कर्मी, जिनकी इनसे सांठ-गांठ रहती है, पहले ही इन्हें सूचना दे देते हैं। ये कर्मी न केवल सूचना बल्कि शिकायतकर्ता की पहचान भी उजागर करने से नहीं चूकते हैं, ऐसे में ग्रामीणों के साथ माफिया की झड़पें भी हो जाती हैं।

कार्रवाई न होने से उठे सवाल

हालांकि इस क्षेत्र में अवैध और अवैज्ञानिक खनन के मामले को पहले भी ग्रामीणों ने उठाया लेकिन इस पर कोई संतोषजनक कार्रवाई होने की बजाय इस क्षेत्र में खनन गतिविधियों का बेरोकटोक जारी रहना विभागों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा रहा है।

क्या कहते हैं अधिकारी

एमओ परमजीत सिंह ने कहा कि मानसून में खनन गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहता है। किसी को भी इस मौसम में खनन की अनुमति नहीं होती है। ऐसे में यदि कोई नियमों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ विभाग कड़ी कार्रवाई अमल में लाएगा।

Vijay