बैरा-स्यूल नदी का सीना छलनी करने में जुटा खनन माफिया, खनन विभाग बना अनजान

Tuesday, Jun 18, 2019 - 08:20 PM (IST)

सुंडला: बैरा-स्यूल नदी में एक बार फिर से खनन माफिया पूरी सक्रियता के साथ जुटा हुआ है लेकिन उपमंडल स्तरीय अधिकारी से लेकर खनन विभाग तक इस पूरे मामले से अनजान बना हुआ है। इससे अनजान बनने की वजह क्या है, इसका खुलासा तो वही कर सकते हैं जिन पर अवैध खनन पर नुकेल कसने का जिम्मा है लेकिन एक बात साफ है कि इस प्रकार की गतिविधि को अंजाम देने वाले इन दिनों दोनों हाथों से मोटी कमाई करने में जुटे हुए हैं। अफसोस की बात है कि विभाग हर माह औसतन अवैध खनन के चालान काट कर अपनी मौजूदगी का एहसास तो आंकड़ों के माध्यम से करवा देता है लेकिन इतने बड़े स्तर पर चल रहे अवैध खनन को रोकने के लिए आज तक न तो कोई विशेष अभियान छेड़ा है और न ही कोई विशेष योजना बनाई है। यही वजह है कि कोटी पुल से चंद मीटर की दूरी पर बैरा-स्यूल नदी में टिड्डी दल की भांति टैक्टरों को अवैध खनन करते हुए देखा जा सकता है।

सड़क व नदी किनारे लगे हुए हैं रेत के ढेर

यह नदी सलूणी उपमंडल व चुराह उपमंडल को बांटने का काम करती है, ऐसे में यहां से जिला स्तर से लेकर उपमंडल स्तर के अधिकारी, वन विभाग, खनन विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी अक्सर गुजरते रहते हैं, बावजूद इसके जगह-जगह सड़क व नदी किनारे अवैध रेत के ढेर लगे हुए देखे जा सकते हैं। प्रशासन समय-समय पर इस प्रकार की गतिविधि पर नुकेल कसने के निर्देश जारी करता रहता है लेकिन इन आदेशों को कुछ विभागों ने औपचारिकता तक सीमित कर दिया है। इसी का यह परिणाम है कि सुंडला में अवैध खनन का कारोबार खूब फल-फूल रहा है।

अवैध खनन रोकने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित

खनन अधिकारी चम्बा जे.पुरी ने बताया कि यह मामला ध्यान में है, जिसके चलते एस.डी.एम. चम्बा दीप्ति मंढोत्रा ने कोटी में चल रहे अवैध खनन को रोकने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। इस कमेटी का अध्यक्ष अधिशासी अभियंता लो.नि.वि. मंडल सलूणी को बनाया गया है, साथ ही इसमें स्थानीय नायब तहसीलदार व एक कर्मचारी खनन विभाग का शामिल है। जल्द ही यह कमेटी चल रहे अवैध खनन पर नुकेल कसने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।

Vijay