कबाड़ बीनने वाले अब अपने हाथों से खुद लिखेंगे सुनहरा भविष्य (Watch Video)

Wednesday, Nov 21, 2018 - 05:51 PM (IST)

नाहन (सतीश): हाथों में पेन लेकर तल्लीनता से लिखने में लगे इन नौनिहालों के हाथों में चंद रोज पहले तक कबाड़ से उठाया गया लोहा आदि होता था। सुबह कबाड़ बीनने निकल जाना और शाम को उससे मिले कुछ पैसे...बस यही इनकी ज़िंदगी थी। लेकिन अब यह बीते दिनों की बात हो गई है। कल तक जिन हाथों में वो लोहा लेते थे अब उनमें  पेन होगा। जी हां, यहां बात हो रही प्रवासी मजदूरों के बच्चों की। जो सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के मॉडल स्कूल में पढ़ाई करेंगे। यहां चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद से 9 प्रवासी बच्चों को स्कूल में दाखिला मिला है।  


मुख्य शिक्षक लाल सिंह ने बताया कि जिन प्रवासी बच्चों ने स्कूल में दाखिला लिया है वह पढ़ाई को लेकर बेहद उत्सुक हैं। बच्चों के परिजन सड़क किनारे बैठ ओजार बनाने का काम करते हैं। चाइल्ड लाइन ने उपायुक्त सिरमौर की मदद ली और उनके निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग ने प्रवासी मजदूरों के बच्चों को दाखिला दिया। ऐसे में कभी स्कूल का सामना न करने वाले प्रवासी नौनिहालों के लिए चाइल्ड लाइन एक मिसाल बनकर उभरी है। कामकाज के सिलसिले में नाहन में आईटीआई के समीप सड़क किनारे लोहार का कार्य करने वाले प्रवासी मजदूरों को प्रेरित व जागरूक करने के बाद चाइल्ड लाइन इस दिशा में सफल हुई।


स्कूल में दाखिले को लेकर प्रवासियों बच्चे और उनके अभिभावक भी बेहद खुश नजर आए। बच्चों ने कहा कि स्कूल में दाखिला पाकर वह अच्छा अनुभव कर रहे हैं। साथ उनके अभिभावक भी बेहद खुश हैं। अभिभावकों ने उम्मीद जताई कि अब उनके बच्चों का भविष्य सुनहरा बनेगा। स्कूल में पहले 79 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, लेकिन केंद्र मुख्य शिक्षक लाल सिंह व शिक्षकों ने घर-घर जाकर बच्चों को पाठशाला में दाखिला लेने के लिए प्रेरित किया। इसी का नतीजा है कि आज स्कूल में पांचवी तक 104 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि नर्सरी कक्षा में यह संख्या 32 पहुंच गई है।     

Ekta