केंद्र व प्रदेश सरकार से खफा मिड-डे मील वर्करों ने PM Modi को भेजा ज्ञापन

Wednesday, Sep 04, 2019 - 05:22 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): हिमाचल प्रदेश मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन जिला कमेटी कुल्लू ने अध्यक्ष कांता महंत की अध्यक्षता में एडीएम कुल्लू अक्षय सूद के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा। इस दौरान दर्जनों महिलाओं व पुरुष वर्करों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में मिड-डे मील वर्करों ने मांग की कि 45वें श्रम सम्मेलन में स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित करें। वर्करों की मानें तो इस महंगाई के दौर में 2 हजार रुपए से परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें 10 माह की बजाय 12 माह का वेतन दे और वर्करों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दिया जाए।

मिड-डे मील वर्कर यूनियन की राज्य अध्यक्ष कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए बड़े बड़े खोखले दावे कर रही है। प्रदेश में हजारों मिड-डे मील महिला वर्कर कार्यरत हैं जिनकी सरकार अनदेखी कर रही। प्रदेश की हजारों मिड-डे मील वर्करों को 2 हजार रुपए वेतन मिल रहा है, जिससे उन्हें परिवार का पालन-पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न विभागों के कर्मचारियों का वेतन बढ़ा रही है लेकिन मिड-डे मील वर्करों के साथ अन्याय हो रहा है।

उन्होंने कहा कि 45वें श्रम सम्मेलन में फैसला लिया था कि स्कीम वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा, जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है, इसे तुरंत लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि हर स्कूल में कम से कम 2 मिड-डे मील वर्कर की नियुक्ति की जाए। मिड-डे मील वर्करों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिलें और उन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाए। उन्होंने कहा कि बाकी विभागों की तरह मिड-डे मील महिला वर्करों को साढ़े 4 माह का प्रसूति अवकाश दिया जाए और सभी प्रकार की छुट्टियों का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजकर आग्रह किया है ताकि मिड-डे मील वर्करों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

Vijay