अनदेखी के खिलाफ मिड-डे मील कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

Tuesday, Sep 25, 2018 - 04:18 PM (IST)

 

हमीरपुर : अखिल भारतीय मिड-डे मील कर्मचारी संघ (सीटू से संबंधित) के राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर मोदी सरकार व राज्य सरकार द्वारा मिड-डे मील कर्मियों की अनदेखी के विरुद्ध संघ की जिला इकाई के सदस्यों ने गांधी चौक हमीरपुर में प्रदर्शन किया। मिड-डे मील कर्मचारियों का मानना है कि वे कई वर्षों से नियमित रूप से स्कूलों में बच्चों को भोजन तैयार कर परोसते हुए शोषण का शिकार हो रहे हैं। इस वर्ग से संबंधित कर्मियों को न तो न्यूनतम वेतन मिलता है और न ही उनके लिए किसी प्रकार के अवकाश का प्रावधान है। मिड-डे मील कर्मियों को वर्ष में 10 माह का वेतन ही दिया जाता है।

मिड-डे मील कर्मियों का कहना है कि स्कूलों में दोपहर का भोजन बनाने व परोसने का कार्य उनके माध्यम से करवाया जाता है तथा स्कूल में सारा दिन उनकी उपस्थित नितांत आवश्यक है। उन्हें दिया जाने वाला पारिश्रमिक सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से कई गुना कम है जिसके चलते माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एक समान काम के बदले समान वेतन संबंधी निर्णय का भी सरासर उल्लंघन किया जा रहा है जोकि मिड-डे मील कर्मियों के हितों के प्रति खिलवाड़ है।

मिड-डे मील संघ की हमीरपुर जिला इकाई ने इस धरने के माध्यम से भारत सरकार से मांग की है कि इन कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए तथा न्यूनतम वेतन प्रदान किया जाए, अन्यथा वे आने वाले समय में समूचे हमीरपुर जिला के स्कूलों में हड़ताल करने को बाध्य होंगे। भारी बारिश के बावजूद मिड-डे मील कर्मियों ने सोमवार प्रात: स्थानीय गांधी चौक में धरना दिया। इस धरने को सीटू के राष्ट्रीय सचिव डा. कश्मीर सिंह ठाकुर, सीटू जिलाध्यक्ष प्रताप राणा, सीटू के जिला संयुक्त सचिव सुरेश राठौर तथा ग्राम पंचायत देई का नौण के प्रधान रंजन शर्मा ने भी संबोधित किया। इस धरने में 200 के लगभग मिड-डे मील कर्मियों ने भाग लिया तथा केंद्रीय सरकार के नकारात्मक रवैये के विरुद्ध रोष व्यक्त किया। 
 

kirti