HRTC के अधिकृत ढाबे की रसोई में घूम रहे चूहे, Video Viral

Tuesday, Jun 20, 2017 - 09:38 PM (IST)

शिमला: हिमाचल  पथ परिवहन निगम द्वारा अधिकृत ढाबे की बदइंतजामी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे यात्रियों को मजबूर कर गंदे ढाबों पर निगम की बसों को रोका जाता है। यू-ट्यूब पर डाले गए ढाबे के एक वीडियो को दुनियाभर से अब तक 30 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। यात्री का कहना है कि परिवहन विभाग के प्रधान सचिव संजय गुप्ता ने वीडियो को देखने के बाद जरूरी कार्रवाई का आश्वासन दिया। कुरुक्षेत्र के नजदीक रायपुर रोडान गांव का यह ढाबा इस वक्त सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। दिल्ली-अम्बाला नैशनल हाईवे पर स्थित इस ढाबे की बदहाली का वीडियो में खुलासा किया गया है। लगभग 6 मिनट के इस वीडियो में ढाबे में दौड़ते चूहे, रसोई में फैली गंदगी और खराब पड़े पानी के फिल्टरों को दिखाया गया है। इस वीडियो पर सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने इस ढाबे के खिलाफ कार्रवाई की जाने की मांग की है।

डा. वरुण वागीश ने बनाया वीडियो
हिमाचल पथ परिवहन निगम की दिल्ली से रामपुर बुशहर जाने वाली एयर कंडीशन डीलक्स बस में सफर कर रहे यात्री डा. वरुण वागीश ने यह वीडियो 24 मई, 2017 को रिकॉर्ड किया था। वागीश भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। वीडियो में दिखाया गया है कि रात के साढ़े 10 बजे हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस कुरुक्षेत्र के नजदीक रायपुर रोडान गांव में मयूर डीलक्स नाम के एक ढाबे पर रुकती है। यात्रियों द्वारा नि:शुल्क फिल्टर पानी मांगे जाने पर उन्हें बोतलबंद पानी खरीदने पर मजबूर किया जाता है। बार-बार मांगे जाने पर यात्रियों को इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर किया जाता है। वीडियो में ढाबे में दौड़ते चूहे और रसोई में फैली गंदगी का आलम दिखता है जो यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। यात्रियों को जमीन का बिना फिल्टर किया हुआ पानी परोसा जाता है।

ढाबे में वसूली जा रही मुंह मांगी कीमत
पथ परिवहन निगम बसों में यात्रा करने वाले हजारों आम यात्रियों को परेशानियों से गुजरना पड़ता है। ढाबों में खराब क्वॉलिटी का खाना, खाने-पीने की चीजों की मुंह मांगी कीमतें, बोतल बंद पानी खरीदने की मजबूरी, ढाबों की रसोई और आसपास फैली गंदगी के नजारे अब यात्रियों के लिए मजबूरी बन चुके हैं। यात्रियों ने ढाबों में खराब सेवा मिलने के लिए सीधे तौर पर निगम प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।