Message Fraud Case : दोस्तों के पास छिपाकर रखे 10 लाख रुपए किए बरामद

Saturday, Jan 05, 2019 - 10:43 PM (IST)

ऊना (विशाल): आई.ए.एस. मैसेज फर्म फ्रॉड मामले में आरोपी डायरैक्टर मोहित और विजय के पुलिस ने 2 बैंक अकाऊंट सीज करने के साथ-साथ विजय के दोस्तों के पास से लगभग 10 लाख रुपए बरामद किए हैं। पुलिस से बचते हुए आरोपियों ने अपने दोस्तों के पास नोएडा में यह रुपए रखे हुए थे। वहां से रुपए लेकर यह अपना खर्च करते थे। पुलिस की जांच के दौरान आरोपियों ने इन रुपयों के संबंध में खुलासा किया तो पुलिस टीम ने नोएडा से यह रकम जब्त की है। मोहित और विजय के सीज किए खातों में से एक में लगभग 40 हजार रुपए मिले हैं जबकि दूसरे में लगभग 7 हजार रुपए मिले हैं।

होटलों व दोस्तों के पास गुजारे थे दिन

पुलिस की अब तक की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ऊना में पुलिस की जांच शुरू होने के बाद रातोंरात फरार होकर मोहित, विजय और अजय सीधे सोनीपत पहुंचे थे जहां से मोहित और विजय इकट्ठे दिल्ली के लिए रवाना हुए थे जबकि अजय इनसे अलग हो गया था। कुछ दिनों तक ये सभी आरोपी टच में रहे लेकिन बाद में मोहित और विजय भी अलग हो गए, जिसके बाद से उन्होंने कम ही आपस में बात की। इस अवधि में अधिकतर दिन होटलों में गुजारे जबकि कुछ दिन दोस्तों के पास भी रिहायश की। पुलिस ने उन रुपए का भी आकलन शुरू कर दिया है कि फर्म के माध्यम से कितने रुपए इकट्ठे किए गए और कितने रुपए लोगों को शुरूआत में दिए थे। इसकी डिटेल बनाई जा रही है और इस संबंध में लगातार आरोपियों से पूछताछ का दौर अमल में लाया जा रहा है।

8 तक फिर रिमांड पर भेजे आरोपी

एस.पी. और ए.एस.पी. ने स्वयं थाना पहुंच कर मामले में आरोपियों से पूछताछ की है। इस मामले में संबंध में दोनों अधिकारियों ने आरोपियों से लम्बी पूछताछ का दौर चलाया जिसमें काफी प्वाइंटस पर आरोपियों से सवाल किए गए, वहीं पुलिस द्वारा नोएडा सहित अन्य जगहों से पकड़ कर लाए गए आरोपियों की रिमांड अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां से तीनों आरोपियों विजय, अजय और सचिन को 8 जनवरी तक फिर से पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

पुलिस के लिए कई सवाल बने पहेली

ऊना पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों को खंगालना भी शुरू कर दिया है। सवाल यह है कि आखिर एस.एम.एस. की फ्रैंचाइजी और आई.डी. देने के बहाने लोगों से ली गई राशि आखिर किस-किस बैंक खाते में डाली जाती थी? यह पैसा कौन विड्रॉ करता था? आखिर उस राशि को कहां खर्च किया जाता था? रहस्यों की परतें खोली जानी बाकी हैं। अभी तक ऊना सहित कितने स्थानों पर ऐसे ऑफिस खोलकर लोगों से ठगी की गई थी। इस पूरे प्लान का मास्टरमाइंड कौन था और कब इसकी व्यूहरचना की गई थी। पुलिस के सामने कई सवाल हैं जिनका जवाब आरोपियों से हासिल करना है। पुलिस की एस.आई.टी. और उसके मुखिया ए.एस.पी. विनोद कुमार लगातार आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। एस.पी. दिवाकर शर्मा पूरे मामले को खुद मॉनीटर कर रहे हैं।

एक आरोपी पंजाब में है पी.ओ. घोषित

एस.पी. खुद मान चुके हैं कि एस.एम.एस. के बहाने हुए इस फ्रॉड के मामले में आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए कई चालें चलीं। पुलिस पर दबाव भी बनाया गया लेकिन पुलिस की टीम ने संभावित स्थानों पर दबिश देकर इन्हें आखिरकार पकड़ लिया। आरोपियों में से एक पंजाब के एक स्थान में पी.ओ. भी घोषित हो चुका है।

पुलिस के पास शिकायतें लेकर पहुंच रहे लोग

इस मामले में शिकायतें और सवाल लेकर पुलिस के पास लोगों की भीड़ भी पहुंच रही है। इस फर्म की ठगी के शिकार हुए लोगों को अब पुलिस से काफी उम्मीदें बंध गई हैं। इस फर्म में प्रति आई.डी. के तौर पर लोगों से 3 से 5 हजार और फ्रैंचाइजी लेकर धरोहर राशि के तौर पर 50 हजार रुपए से अधिक रुपए इन्वैस्ट करके अन्य लोगों सहित अपने लाखों रुपए इस कंपनी में फ्रैंचाइजी धारकों ने इन्वैस्ट किए थे। मामला पुलिस की निगाह में आने के बाद फर्म के सभी प्रतिनिधि अचानक भूमिगत हो गए थे, जिसके बाद पुलिस ने इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

Vijay