मैडीकल स्टोरों में दूसरे के लाइसैंस पर दवाइयां बेचने वालों की खैर नहीं

Wednesday, Jan 02, 2019 - 10:54 AM (IST)

धर्मशाला (नरेश): प्रदेश के मैडीकल स्टोरों में अगर पंजीकृत फार्मासिस्ट की जगह कोई अन्य दवा बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरण के निर्देशों के मुताबिक जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी को यह सुनिश्चित करना है कि मैडीकल स्टोर में सिर्फ वहीं फार्मासिस्ट बैठे, जिसके नाम स्टोर का लाइसैंस है। ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी इसके साथ ही हिदायत देती रही है कि भविष्य में मैडीकल स्टोर चलाने को लाइसैंस के लिए जब कोई फार्मासिस्ट आवेदन करे तो विभाग के कार्यालय आकर उसके पक्ष में गवाही दें कि वह फार्मासिस्ट के रूप में कहीं नौकरी नहीं करता है। 

जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्रों की अपेक्षाकृत ग्रामीण इलाकों से इस तरह की ज्यादा शिकायतें मिली हैं। जिन फार्मासिस्टों को स्टोर चलाने के लिए लाइसैंस दिए गए हैं, उन पर निगरानी तेज करने को राज्य औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से आदेश जारी किए हैं। उच्च अधिकारियों का मानना है कि कई ऐसी शिकायतें आई हैं कि मैडीकल स्टोर के लाइसैंस जिस फार्मासिस्ट के नाम हैं, वे नहीं बैठते बल्कि स्टोर में दवा देने का काम अन्य कर्मचारी करते हैं। इससे कई बार गलत दवा दे दी जाती है। इससे लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ और कानूनों का उल्लंघन हो रहा है।

लाइसैंस भी हुए सस्पैंड

जानकारी के अनुसार विभाग के पास आई ऐसी शिकायतों पर जब अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण हुआ तो वहां रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की जगह कोई और ही दवाइयां बेचता पाया गया, ऐसे में राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा नोटिस फिर कई मैडीकल स्टोर के लाइसैंस भी रद्द हुए हैं। इसके साथ ही अधिकारियों ने मैडीकल स्टोर संचालकों को बताया कि वे नियमों का पूरा पालन करें।

 

Ekta