पैंशनरों के मैडीकल बिल फंसे, विभागाध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

Saturday, Jul 07, 2018 - 11:39 AM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश पैंशनर्ज वैलफेयर संघ शिमला शहरी इकाई की बैठक में लंबित मांगे जोर-शोर से गूंजी। मुख्य रूप से पैंशनरों ने 65, 70 व 75 वर्ष की आयु में 5,10 और 15 प्रतिशत की बढ़ौतरी मूल पैंशन में किए जाने का मामला उठाया। पैंशनरों का कहना था कि लंबे समय से यह मांग उठाई जा रही लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम सरकार ने नहीं उठाया है। यह बैठक शिमला शहरी इकाई के प्रधान आत्मारा शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में 200 से अधिक पैंशनरों ने भाग लिया। इस अवसर पर पदाधिकारियों ने कहा कि जिन विभागाध्यक्षों ने पैंशनर्ज के चिकित्सा बिलों की अदायगी के लिए अतिरिक्त फंड उपलब्ध करवाने की सरकार से मांग नहीं की है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए। पैंशनरों का कहना था कि बीते दो वर्ष से मैडीकल बिल लंबित पड़े हुए हैं और विभागाध्यक्ष इस संबंध में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार पैंशनर्ज संयुक्त सलाहकार समिति का शीघ्र गठन करे। 


विधायकों की तर्ज पर मिले 4 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज
बैठक में पैंशनर्ज ने एक मत से शिमला आधारित पैंशनरों को भी राजधानी भत्ता देने की मांग की। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए हर तीसरे वर्ष यात्रा भत्ता दिए जाने की मांग भी उठी। बैठक में ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया गया कि विधायकों और पूर्व विधायकों की तर्ज पर पैंशनरों को भी चार प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिया जाने का प्रावधान किया जाए। 


जिलाधीश से उठाया जाएगा मामला
बैठक में निर्णय लिया गया कि पैंशनर भवन के निर्माण को लेकर भूमि उपलब्ध करवाने का मामला जिलाधीश के समक्ष उठाया जाएगा ताकि जल्द से जल्द भूमि का चयन कर कार्य शुरू किया जा सके। इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा पहले ही पैशनर्ज भवन हेतु लीज पर भूमि उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया जा चुका है।

Ekta