Himachal: टोल प्लाजा पर टैक्सी से लाखों रुपए का MDMA ड्रग और चरस बरामद, पंजाब के 2 युवक गिरफ्तार
punjabkesari.in Friday, Nov 14, 2025 - 01:16 PM (IST)
घुमारवीं (जम्वाल): जिला पुलिस ने नशे के खिलाफ अपने अभियान में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। थाना घुमारवीं की पुलिस टीम ने बलोह टोल प्लाजा पर नाकेबंदी के दौरान पंजाब से आ रही एक टैक्सी से लाखों रुपए कीमत का सिंथैटिक ड्रग एमडीएमए (एक्स्टसी) और चरस की खेप बरामद की है। पुलिस ने मौके से पंजाब के 2 युवकों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार टीम ने बलोह टोल प्लाजा पर नियमित जांच के लिए नाका लगाया हुआ था। इस दौरान पंजाब नंबर की एक टैक्सी (PB 01F-9783) को शक के आधार पर रोका गया। जब पुलिस टीम ने वाहन की तलाशी ली तो उसमें से 20.6 ग्राम एमडीएमए क्रिस्टल ड्रग और 225 ग्राम चरस बरामद हुई। बरामद किए गए नशीले पदार्थों की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2 लाख रुपए से अधिक आंकी गई है। पुलिस ने कार में सवार दोनों युवकों को तुरंत हिरासत में ले लिया। आरोपियों की पहचान असीम (19) पुत्र राकेश और शिवम नरूला (19) पुत्र संदीप के रूप में हुई है। दोनों आरोपी पंजाब के मुक्तसर जिले के निवासी हैं और टैक्सी में सवार होकर हिमाचल की सीमा में प्रवेश कर रहे थे।
मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी घुमारवीं विशाल वर्मा ने बताया कि पुलिस टीम ने अपनी सजगता और सूझबूझ से यह बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि जिले में नशा तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ हमारा अभियान लगातार जारी है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एमडीएमए की यह खेप कुल्लू जिले के कसोल क्षेत्र में आयोजित होने वाली एक रेव पार्टी के लिए ले जाई जा रही थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आरोपी यह नशीला पदार्थ कहां से लाए और किन लोगों को सप्लाई करने वाले थे।
क्या है खतरनाक एमडीएमए (एक्स्टसी) ड्रग?
एमडीएमए, जिसका पूरा नाम 3,4-मिथाइलीन डायॉक्सी-मेथएम्फेटामाइन है, एक बेहद शक्तिशाली सिंथैटिक साइकोएक्टिव ड्रग है। इसे आम बोलचाल की भाषा में 'एक्स्टसी' या 'मॉली' भी कहा जाता है। यह मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित कर व्यक्ति में कृत्रिम ऊर्जा, उत्साह और भ्रम की स्थिति पैदा करता है। इसका सेवन अवैध है और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है, जिससे हृदय, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को गंभीर और स्थायी नुक्सान हो सकता है। पहले इसका चलन केवल रेव पार्टियों तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब इसका युवाओं के बीच बढ़ता उपयोग एक गंभीर सामाजिक चिंता का विषय बन गया है।

