MBBS प्रवेश मामला: SC जाने का निर्णय नहीं ले पाई प्रदेश सरकार

Tuesday, Aug 14, 2018 - 10:56 AM (IST)

शिमला (कुलदीप): एम.बी.बी.एस. में राज्य से बाहर रह रहे हिमाचलियों के बच्चों को प्रवेश देने से रोकने के लिए राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने या न जाने पर अब तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है। असमंजस की इस स्थिति के बीच एम.बी.बी.एस. काऊंसलिंग का दूसरा दौर 19 से 21 अगस्त के बीच होगा। इसके बाद 27 अगस्त को मोप अप राऊंड काऊंसलिंग होगी। मोप अप राऊंड का आयोजन दूसरे राऊंड में काऊंसलिंग के कारण सीटें खाली होने के चलते किया जाता है ताकि उनको भरा जा सके। पहले राऊंड की काऊंसलिंग 29 जून से 5 जुलाई के बीच की गई थी।

उल्लेखनीय है कि एम.बी.बी.एस. प्रवेश में राज्य से बाहर निजी व्यवसाय अथवा नौकरी करने वाले अभिभावकों के बच्चों के दाखिले को लेकर हाईकोर्ट में चल रहे मामले पर तीसरे जज ने भी अपना फैसला सुना दिया है। उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि राज्य से बाहर निजी व्यवसाय करने वाले अभिभावकों के बच्चों को एम.बी.बी.एस. कोर्स में दाखिले के लिए छूट न देना असंवैधानिक है। गौर हो कि सरकार ने बाहरी राज्यों से पढ़ाई करने वाले हिमाचली छात्रों को 2 श्रेणियों में बांटा है। पहली श्रेणी में वे छात्र हैं, जिनके अभिभावक बाहरी राज्यों अथवा केंद्र सरकार सहित सरकारी उपक्रमों के अधीन नौकरी में हैं या कभी रहे थे। 

दूसरी श्रेणी में वे छात्र आते हैं, जिनके अभिभावक निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं या कभी रहे थे। सरकार ने मौजूदा सत्र में पहली श्रेणी के छात्रों को इस शर्त से छूट दी परन्तु दूसरी श्रेणी के छात्रों को इस छूट का कोई लाभ नहीं दिया गया। दूसरी श्रेणी के कुछ छात्रों ने इस छूट का लाभ मांगते हुए कहा है कि उनके साथ सरकार भेदभाव कर रही है। दूसरी श्रेणी के साथ संविधान के तहत भेदभाव हो रहा है या नहीं, इस मुद्दे पर खंडपीठ में सुनवाई कर रहे दोनों न्यायाधीशों में मतांतर पाया गया। मामले में सुनवाई न्यायाधीश धर्म चन्द चौधरी व न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ के आदेशानुसार तीसरे न्यायाधीश के समक्ष हुई और न्यायाधीश संदीप शर्मा ने अपने निर्णय में न्यायाधीश विवेक ठाकुर के निर्णय से सहमति जताई। 

मामले पर विचार कर रही सरकार : परमार
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने एम.बी.बी.एस. में राज्य से बाहर रह रहे हिमाचलियों के बच्चों को प्रवेश देने से रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने या न जाने पर कहा कि अभी मामले पर विचार किया जा रहा है। 

Ekta