फोरलेन परियोजना में अवार्ड के विरोध का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, जनहित याचिका दायर

Sunday, Mar 21, 2021 - 11:29 PM (IST)

नूरपुर (राकेश): फोरलेन परियोजना में राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे स्थित भूमि एवं भवनों के अधिग्रहण के मामले में सरकार के कथित रवैये के विरोध में क्षुब्ध पीड़ित लोगों द्वारा अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। पीड़ित पक्ष से संबंध रखने वाले जसूर से सटे जाच्छ कस्बा निवासी पूर्व मेजर ओंकार सिंह गुलेरिया द्वारा 25 फरवरी को दिए गए भूमि अधिग्रहण अवार्ड व अन्य चीजों को गलत ठहराते हुए सरकार के खिलाफ याचिका दायर की गई है। 74 पृष्ठों की इस जनहित याचिका में उक्त अवार्ड को सिरे से ही गलत करार देते हुए आरोप लगाया गया है कि कि इसे 1956 के कथित सड़क एक्ट के मुताबिक दिया गया है, जोकि सरासर गलत है।

3 बार अमल में लाई गई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया

इस अवार्ड से हजारों लोगों की सड़क किनारे स्थित बहुमूल्य जमीन को समस्त सर्कल की भूमि के बिक्री रेटों के अनुपात अनुसार दिया गया है जोकि आधारभूत रूप से गलत है क्योंकि किसी राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे स्थित जमीन की विशेष हैसियत होती है तथा इसके रेट मार्कीट वैल्यू के हिसाब से बनते हैं। इतना ही नहीं, भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को एक बार की बजाय 3 बार अमल में लाया गया है। उन्होंने इस याचिका में भू अधिग्रहण से संबंधित करीब एक दर्जन अधिकारियों को पार्टी बनाया है तथा इस अधिग्रहण में व्याप्त अनेकों कमियों को आधार बनाते हुए फोरलेन एक्ट 2013 में समाहित नियमों तथा प्रावधानों की कथित अवहेलना की इसमें विवेचना की गई है।

मुख्यमंत्री से भी कर चुके हैं मुलाकात

फोरलेन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों दरबारी सिंह व विजय सिंह ने कहा कि कंडवाल से सियुणी तक करीब 3 कस्बों के करीब 4000 प्रभावित परिवारों में भूमि अधिग्रहण व 25 फरवरी को दिए अवार्ड को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। प्रभावित लोग अपनी आहत भावनाओं तथा कौड़ियों में हथियाई जा रही इस भूमि के विरोध में स्थानीय विधायक को 2 सप्ताह पहले तथा मुख्यमंत्री को करीब 10 दिन पहले फतेहपुर में मिल चुके हैं। खेद की बात है कि अभी तक इस बारे कहीं से कोई रिस्पांस नहीं मिला है। हमारी मुख्य मांग उक्त अवार्ड को निरस्त कर इसे फोरलेन एक्ट 2013 के अनुसार देने तथा सर्कल रेट जैसी कसौटी पर न देने की है। अन्याय की सूरत में हम 3 कस्बों की जनता सड़कों पर उतरेगी।

Content Writer

Vijay