थाईलैंड और बेंगलुरु के फूलों से सजेगा माता चिंतपूर्णी मंदिर, जानिए क्या है नए नियम
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 09:59 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित प्रसिद्ध माता चिंतपूर्णी मंदिर में शारदीय नवरात्रों की तैयारियां जोरों पर हैं। 22 सितंबर से शुरू हो रहे इन नवरात्रों में मंदिर को खास तौर पर सजाया जाएगा। मंदिर की सजावट के लिए थाईलैंड और बेंगलुरु से खास फूल मंगाए गए हैं। दिल्ली के एक भक्त कमल द्रारा इस सजावट का काम करवाया जा रहा है। इसके लिए कारीगरों की टीम भी पहुंच चुकी है और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है। दो-तीन दिनों में पूरा मंदिर फूलों से महक उठेगा।
मेले की सुरक्षा और व्यवस्था
नवरात्रि के दौरान यहां एक बड़ा मेला लगता है, जिसके लिए मंदिर प्रशासन ने पूरी व्यवस्था की है। मेले को चार हिस्सों (सेक्टरों) में बांटा गया है। हर सेक्टर में एक मजिस्ट्रेट और एक पुलिस अधिकारी तैनात रहेगा। एसडीएम अंब, सचिन शर्मा, को मेला अधिकारी और डीएसपी अंब को मेला पुलिस अधिकारी बनाया गया है। भक्तों की सुविधा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, सफाई के लिए भी 40 अतिरिक्त कर्मचारी लगाए गए हैं। मंदिर क्षेत्र में किसी भी आपात स्थिति के लिए एक रिकवरी वैन, एंबुलेंस और दमकल गाड़ी भी मौजूद रहेगी।
व्यापारियों की चिंता
इस साल के मेले को लेकर स्थानीय व्यापारी थोड़ा चिंतित हैं। पिछले एक महीने से मंदिर में भक्तों की संख्या काफी कम रही है, जिसका कारण पंजाब में आई बाढ़ को बताया जा रहा है। हालांकि, अब सभी की नजर इस बात पर है कि क्या नवरात्रों में भक्तों की संख्या बढ़ेगी या नहीं। आम तौर पर, सावन अष्टमी के मेले में ज्यादा भीड़ होती है, जबकि इन नवरात्रों में भीड़ कम ही होती है।
सख्त नियम लागू
जिला प्रशासन ने मेले के दौरान कुछ सख्त नियम भी लागू किए हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए, सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर किसी को भी हथियार ले जाने की इजाजत नहीं होगी। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए मंदिर न्यास के अलावा किसी को भी लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति नहीं होगी। ब्रास बैंड, ड्रम और लंबे चिमटे जैसी चीजें भी मंदिर परिसर में ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। भक्तों को अपनी ये चीजें पुलिस बैरियर पर जमा करानी होंगी।
इसके अलावा, पॉलिथीन का इस्तेमाल पूरी तरह से बैन रहेगा। सड़क किनारे लंगर लगाना या आतिशबाजी करना भी मना है। मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों को पंजीकरण काउंटर से पर्ची लेना अनिवार्य होगा। बिना पर्ची के दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी। मंदिर अधिकारी अजय मंडियाल ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और प्रशासन भक्तों के स्वागत के लिए तैयार है।