शहीद की पत्नी ने 47 वर्ष बाद जीती हक की लड़ाई, पढ़ें खबर

Friday, Jul 20, 2018 - 10:30 PM (IST)

चम्बा: भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुई लड़ाई में देश की खातिर जान देने वाले शहीद सैनिक की पत्नी को 47 वर्ष के बाद अपना हक पाने की लड़ाई में सफलता हासिल हुई है। उक्त शहीद की पत्नी को अब हर माह महज 3,000 रुपए मिलने वाली पैंशन की जगह 31,000 रुपए पैंशन मिलेगी। अपनी इस लड़ाई को जीतने वाली शहीद सैनिक की पत्नी पानो देवी का कहना है कि उसने कभी नहीं सोचा था कि उसे उसकी इस लड़ाई में कामयाबी हासिल होगी। उक्त शहीद की पत्नी की न सिर्फ पैंशन में 10 गुना वृद्धि हुई है बल्कि उसे अब पिछले कई वर्षों की पैंशन के एरियर के रूप में 17 लाख रुपए भी मिले हैं, ऐसे में पानो देवी का कहना है कि उसके मन में हर वक्त जो अपनी उपेक्षा का मलाल रहता था वह पूरी तरह से समाप्त हो गया है।


हर माह मिल रही थी 3,000 रुपए पैंशन
जानकारी के अनुसार पानो देवी की शादी 17 वर्ष की आयु में हो गई थी और जब वह 19 वर्ष की हुई तो भारत-पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ गई। उसके सैनिक पति देसराज निवासी गांव कांडी देश की खातिर दुश्मनों से लोहा लेने के लिए सीमा पर गए और वहां उन्होंने युद्ध में शहादत पाई। उसके पति के शहीद होने के करीब 12 वर्ष तक उसे 100 रुपए वेतन हर माह मिलता रहा। उसके बाद उसे पैंशन सुविधा प्राप्त हुई जो समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ती तो गई लेकिन पिछले कई वर्षों से वह हर माह 3,000 रुपए के रूप में मिलती रही।


सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय के उपनिदेशक ने दिया साथ
पिछले वर्ष जब उसे यह पता चला कि उसके साथ वाली अन्य 1971 की लड़ाई में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों को भारी पैंशन मिल रही है तो उसने इस मामले को लेकर सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय चम्बा का रुख किया। वहां उनकी मदद के लिए सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय चम्बा के उपनिदेशक जे.के. सिंह आगे आए। बीते वर्ष अक्तूबर माह में उपनिदेशक ने उसके पूरे मामले को स्टडी करने के बाद जब जांच प्रक्रिया को हैदराबाद कार्यालय के साथ पत्राचार शुरू किया तो उसका यह सुखद परिणाम निकला कि अब उसे जहां इसी माह 31,000 रुपए पैंशन मिली तो साथ ही कम पैंशन मिलने के चलते अब उसका बकाया पैसा एरियर के रूप में मिला है। 

Vijay