कुल्लू में कई गांवों के नाम बदलने की शुरू हुई कवायद

Thursday, May 24, 2018 - 12:33 PM (IST)

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): कुल्लू जिला में कई गांवों के नाम बदलने की कवायद शुरू कर दी गई है। इन गांवों के नाम बदलने के लिए पंचायतें प्रस्ताव पारित करेंगी। ब्राह्मण जनकल्याण सभा इसके लिए पंचायतों से आह्वान करेगी तथा इस संदर्भ में प्रशासन से भी मिलेगी। कई गांवों के नामों का उच्चारण अशुभता की ओर संकेत करता है, ऐसे गांवों के नाम लेना भी कई बार लोगों को अटपटा सा लग रहा है। सभा ने इन्हीं गांवों के लोगों व अन्य लोगों से विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है कि संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधियों से इन गांवों के नाम बदलने के लिए प्रस्ताव पारित करने का आह्वान किया जाएगा। 


इस संदर्भ में सभा के पदाधिकारियों ने तर्क देते हुए कहा कि इन गांवों के नाम पुकारना ऐसा लगता है जैसे किसी दिव्यांग व्यक्ति को उसकी वास्तविक स्थिति से पुकारा जाए। जल्लूग्रां शब्द का अर्थ किसी जले हुए गांव को इंगित करता है जबकि जछणी गांव भूत प्रेतों व चुड़ैलों के संबोधन को दर्शाता है। लहाशनी गांव किसी शव की स्थिति को इंगित करता है। कई गांवों के नाम मीनिंग लैस हैं अर्थात जिनका कोई अर्थ ही नहीं। संबंधित पंचायतों से इन गांवों के नाम को लेकर सुझाव भी मांगे जाएंगे। इन गांवों के नाम किसी देवी देवता, ऋषि मुनि या समाज सेवी के नाम पर रखे जा सकते हैं। राजस्व रिकॉर्ड में भी इन गांवों के नामों में बदलाव करवाया जाएगा।


अशुभ बोलना, किसी का अशुभ चाहना व करना महापाप
ब्राह्मण जन कल्याण सभा के प्रधान खेम राज शर्मा, संयोजक मनमोहन गौतम, पूर्व प्रधान रमेश शर्मा, चौंग पंचायत के पूर्व उपप्रधान इंद्रजीत शर्मा, पिपलागे गांव से इंद्रदेव शास्त्री, राम मंदिर मणिकर्ण के पुजारी राम पाल, बराधा पंचायत प्रधान गायत्री देवी, राम लाल शर्मा, डा. दयानंद सारस्वत, सभा के मीडिया प्रभारी सुरेश शर्मा व सेना पाल शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि इनमें कई गांवों के नाम अशुभता की ओर संकेत करते हैं। अशुभ बोलना व किसी का अशुभ चाहना व करना पाप है, ऐसे में किसी गांव का नाम लेकर अशुभता की ओर संकेत क्यों किया जाए। 

Ekta