टीहरा टनल में Blasting से कई भवनों पर मंडराया खतरा, ग्रामीणों ने DC को सौंपा ज्ञापन

Wednesday, Oct 25, 2017 - 12:04 AM (IST)

बिलासपुर: कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण कार्य के दौरान टीहरा टनल को बनाने के लिए की जा रही ब्लास्टिंग से टनल के ऊपर व आसपास स्थित कई घरों में दरारें आ चुकी हैं। दीवारें व छतें फट चुकी हैं जिससे इन मकानों को जहां खतरा पैदा हो गया है, वहीं ग्रामीणों का आर्थिक नुक्सान भी हुआ है लेकिन मुआवजे के तौर पर इन ग्रामीणों को फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। इन घरों में रहने वाले ग्रामीण खतरे के साये में जी रहे हैं, ऐसे में इन ग्रामीणों ने डी.सी. बिलासपुर ऋग्वेद मिलिंद ठाकुर के माध्यम से अपने ज्ञापन हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रदेश मुख्यमंत्री व केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भेजकर गुहार लगाई है कि इस समस्या का कोई सही हल निकाला जाए ताकि ग्रामीणों का आर्थिक नुक्सान न हो तथा वे डर के साये से बाहर भी निकल सकें।

मनमर्जी के समय पर की जाती है ब्लास्टिंग 
जठौणा पालंगरी के निवासियों ने डी.सी. बिलासपुर को दिए अपने ज्ञापन में कहा कि टनल निर्माण के लिए की जा रही ब्लास्टिंग से ग्रामीण बेहद परेशान हैं तथा कंपनी द्वारा रात्रि के समय अधिक जोर से ब्लास्टिंग की जाती है जिसकी भी कोई समयसारिणी तय नहीं है। मनमर्जी के समय पर ब्लास्टिंग की जाती है। कभी-कभी तो यह ब्लास्टिंग आधी रात को होती है जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है तथा घरों में कंपन होने पर अनेक बार रात को इन घरों के बाशिंदों को घर से बाहर निकलना पड़ता है जो उन्हें बेहद मानसिक पीड़ा पहुंचा रहा है। बिना नियम के की जाने वाली इस ब्लास्टिंग से कोई बड़ा हादसा होने की आशंका भी बनी हुई है। 

केंद्रीय मंत्री से लगाई गुहार 
इन ग्रामीणों ने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री व प्रदेश मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि उन्हें इस ब्लास्टिंग से हो रहे नुक्सान का मुआवजा दिलाया जाए, वहीं ब्लस्टिंग करने की समयसारिणी तथा ब्लास्टिंग की ताकत पर भी नियंत्रण किया जाए ताकि यह खतरनाक न हो सके। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि सुरंग निर्माण कार्य से उनके पेयजल स्रोतों को भी खतरा पैदा हो गया है व जमीन में लगे हैंडपंपों में भी जलस्तर कम हो गया है। पूरी आशंका है कि भविष्य में ये सूख जाएंगे, ऐसे में इस समस्या का भी केंद्र व प्रदेश सरकार समय रहते समाधान करे।