ऊना के मनजीत ने अपनाई जीरो बजट खेती, कमा रहा लाखों रुपए(Video)

Saturday, Dec 29, 2018 - 04:48 PM (IST)

ऊना (अमित): कहते है अगर इंसान के दिल में कुछ करने जज्बा हो तो कोई भी राह मुश्किल नहीं होती। इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा के गांव सिहाना के मनजीत सिंह ने। मनजीत सिंह ने एम. टैक की पढ़ाई करने के बाद करीब चार साल निजी विश्वविद्यालय में अध्यापन का कार्य किया। लेकिन दिल में कुछ अलग करने की चाहत लिए मनजीत ने लोगो को रसायन मुक्त फल-सब्जियां उपलब्ध करवाने की सोची। मनजीत की इस सोच को आगे बढ़ाने में कृषि विभाग की आत्मा परियोजना सहायक बनी और विभाग की तरह से मनजीत को कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में प्रशिक्षण के लिए भेजा गया।

खेतों में बंसी किस्म की गेंहू की फसल बीजी

पालमपुर में मनजीत ने जीरों बजट प्राकृतिक खेती के जन्मदाता कहे जाने वाले पद्मश्री सुभाष पालेकर से टिप्स लिए और घर वापिस आकर अपने खेतों में जुट गया। मनजीत ने अपने गांव में एक पॉलीहाउस लगाया है जिसमें सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है वही खुले खेतों में बंसी किस्म की गेंहू की फसल बीजी है। मनजीत की माने तो जैविक खेती से जहां लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा वहीँ पर्यावरण में भी सुधार होगा। मनजीत की माने तो जैविक खेती रसायन खेती के मुकाबले तैयार होने में थोड़ा अधिक समय लगता है लेकिन जैविक प्रक्रिया से तैयार फल सब्जियां स्वादिष्ट और सेहत के लिए लाभदायक होती है।

प्राकृतिक खेती में लागत ना के बराबर

वहीँ आज के दौर में जो किसान खेती छोड़ रहे है उन्हें मनजीत ने जीरों बजट प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी है। मनजीत ने कहा कि प्राकृतिक खेती में लागत ना के बराबर है। जिससे फसल पकने के बाद मिलने वाली पूरी राशि लाभ के तौर पर किसान की ही होगी। वही आत्मा परियोजना के उपनिदेशक बी. आर. तक्खी ने बताया कि सिहाना का किसान मनजीत सिंह प्राकृतिक खेती को अपनाकर सफलता के मुकाम हासिल कर रहा है। तक्खी ने बताया कि विभाग द्वारा इस क्षेत्र के करीब 25 किसानों को भी मनजीत के साथ जोड़ा गया है जो प्राकृतिक खेती के टिप्स हासिल कर अपने खेतों में भी इस प्रक्रिया को अपना रहे है।

kirti